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आखिर कैसे टूट गया पुल? आर्किटेक्‍चर प्रोफेसर ने बताया क्‍या हो सकता है मोरबी ब्रिज हादसे का कारण

Morbi Bridge Collapse Explained: आर्किटेक्‍चर के प्रोफेसर सेवा राम ने कहा कि अगर ब्रिज पर एक ही जगह ज्‍यादा लोग पहुंच जाएं तो प्‍वाइंट लोड पड़ता है. वहीं अगर लोग उछलने कूदने या नीचे की ओर चोट करने लगें तो स्‍पैन पर इम्‍पैक्‍ट लोड पड़ता है. इसके चलते ब्रिज में ऑस्‍लेशन (Oscilation) पैदा होता है जो खतरनाक है.

Morbi Bridge Collapse Explained Morbi Bridge Collapse Explained
राहुल गौतम
  • नई दिल्‍ली,
  • 31 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST

Morbi Bridge Collapse Explained: गुजरात के मोरबी नदी पर हुए हादसे में 130 से ज्‍यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. अब मामले की जांच कर घटना की संभावित वजहों को टटोला जाएगा. पुल पर कुछ लोगों के उछलने-कूदने और ब्रिज केबल को लात मारने के वीडियो भी सामने आए हैं. ऐसे में यह भी सवाल उठ रहा है कि क्‍या भीड़ जमा होने से या लोगों की हरकतों से ब्रिज टूट सकता है. इस सवाल का जवाब दिया है दिल्‍ली स्‍कूल ऑफ प्‍लानिंग एंड आर्किटेक्‍चर (DSPA) के प्रोफेसर सेवा राम ने. उन्‍होंने प्रजेंटेशन डेमो के माध्‍यम से समझाया कि मोरबी ब्रिज हादसे की क्‍या वजह हो सकती है.

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क्‍या सुरक्षित नहीं होते सस्‍पेंशन ब्रिज?
प्रो सेवा राम के अनुसार, 'नॉर्मल ब्रिज में नदी के बीच में कॉन्‍क्रीट के कॉलम खड़े करते हैं जिसपर स्‍लैब डाले जाते हैं. मगर कॉलम खड़े करने में पानी में रुकावट आती है. ऐसे में दूसरा तरीका यानी सस्‍पेंशन ब्रिज का तरीका अपनाया जाता है. इसमें नदी के दो किनारों पर टॉवर बनाकर इसमें वॉकिंग डेक जोड़ा जाता है. ऐसा नहीं कि यह सुरक्षित नहीं होता. बल्कि, इन्‍हें बनाने में समय और लागत दोनों कम लगते हैं इसलिए ये ब्रिज बनाने का बेहतर विकल्‍प हैं.'

इम्‍पैक्‍ट लोड है खतरनाक?
उन्‍होंने कहा, 'ब्रिज की लंबाई को स्‍पैन कहते हैं. जब लंबा स्‍पैन चाहिए होता है तो सस्‍पेंशन ब्रिज बनाया जाता है. अब इस स्‍पैन पर अगर एक ही जगह पर बहुत सारे लोग पहुंच जाएं तो प्‍वाइंट लोड पड़ता है. वहीं अगर ज्‍यादा लोग एकट्ठा होकर उछलने कूदने या नीचे की ओर चोट करने लगें तो स्‍पैन पर इम्‍पैक्‍ट लोड पड़ता है. इसके चलते ब्रिज में ऑस्‍लेशन (Oscilation) पैदा होता है जो खतरनाक है.' उन्‍होंने बताया कि अमेरिका में 1940 में टैकोमा नैरोबी ब्र‍िज भी बनने के कुछ दिन बाद ही गिर गया था. जांच में पता चला कि तेज हवा की वजह से होने वाले ऑस्‍लेशन के चलते इम्‍पैक्‍ट लोड बना जिससे ब्रिज टूट गया. 

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क्राउड कंट्रोल है जरूरी
प्रो राम ने कहा कि कोई भी स्‍ट्रक्‍चर निर्धारित लोड पर ही डिजाइन किया जाता है. ऐसे में क्राउड कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. मजबूत से मजबूत स्‍ट्रक्‍चर की भी भार सहने की क्षमता है जिसका हमेशा ध्‍यान रखा जाना चाहिए.

रेनोवेशन को लेकर कही ये बात
उन्‍होंने कहा कि अगर रेनोवेशन किया गया है तो इसका मतलब है ब्रिज अपनी एक लाइफ साइकिल पूरी कर चुका था. रेनोवेशन के समय कई चीजों का ध्‍यान रखा जाता है. जरूरत पड़ने पर सभी कनेक्‍शंन को रिप्‍लेस किया जाता है. कई बार नई केबल भी डाली जाती है और कई बार टॉवर भी रीडिजाइन किया जा सकता है. क्‍या रेनोवेशन में चूक हुई है, इसका जवाब जांच की रिपोर्ट सामने के बाद ही दिया जा सकेगा.

 

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