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India Pale Ale Day 2022: इस बीयर के नाम में कैसे जुड़ा इंडिया का नाम, जानें क्या है इतिहास

India Pale Ale Day 2022, National IPA Day 2022: इंडिया पेल एले डे हर साल अगस्त के पहले गुरुवार को सेलिब्रेट किया जाता है. IPA बीयर में औसतन बीयर के मुकाबले ज्यादा अल्कोहल होता है जिसे हॉप्स और पेल माल्ट से बनाया जाता है. इंडिया पेल एले बीयर इंग्लैंड में बनाई गई थी लेकिन फिर इसके नाम में इंडिया शब्द कैसे आया?

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST

National India Pale Ale Day 2022: हर साल अगस्त के पहले गुरुवार को इंडिया पेल एले (India Pale Ale) डे मनाया जाता है. इसे शॉर्ट में नेशनल आईपीए डे (National IPA Day) भी कहा जाता है. इस साल बीयर पीने के शौकिन लोगों के लिए यह दिन 04 अगस्त 2022 को सेलिब्रेट किया जा रहा है. इंडिया पेल एले डे सेलिब्रेट करने के लिए कई जगह इंवेंट्स और एक्टिविटीज आयोजित किए जाते हैं. जहां बीयर पीने के शौकीन लोग एक साथ मिलकर इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं.

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दरअसल, IPA बीयर में औसतन बीयर के मुकाबले ज्यादा अल्कोहल होता है जिसे हॉप्स और पेल माल्ट से बनाया जाता है. दुनिया में सबसे लोकप्रिय बीयर में से एक के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन के पीछे क्या कहानी है.

इंडिया आईपीए डे कब शुरू हुआ?
इंडिया पेल एले बीयर का इतिहास लगभग 300 साल से ज्यादा पुराना है.  लेकिन यह दिन (National IPA Day) सेलिब्रेट करने की शुरुआत 2011 से हुई थी. "द बीयर वेन्च गाइड टू बीयर: एन अनप्रेन्टियस गाइड टू क्राफ्ट बीयर" बुक के लेखक एशले रूस्टेन ने 2011 में इस दिन शुरुआत की थी.

पेल एले बीयर के साथ कैसे जुड़ा इंडिया नाम?
इंडिया पेल एले बीयर इंग्लैंड में बनाई गई थी लेकिन फिर इसके नाम में इंडिया शब्द कैसे आया? दरअसल, 18वीं सदी के आखिर में ब्रिटिश इंडिया कंपनी के ब्रिटिश सैनिकों के लिए भारत की यात्रा के दौरान समुद्री जहाज पर लंबे समय तक बीयर को रख पाना मुश्किल था, तब लंदन के शराब बनाने वाले जॉर्ज हॉजसन ने हाई हॉप कंटेंट वाली पेल एले बीयर तैयार की थी, ताकि ब्रिटिश सैनिक इसका लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकें और इसका स्वाद भी खराब न हो. क्योंकि यह सब भारत की यात्रा के दौरान हुआ था, इसलिए इस बीयर के नाम के साथ इंडिया शब्द जुड़ गया.

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कुछ ही सालों में इंग्लैंड समेत इन देशों में बढ़ी मांग
सन 1840 तक इंग्लैंड में आईपीए की भारी मांग थी. जैसे-जैसै इस बीयर की मांग बढ़ी प्रोडक्शन दोगुनी तेजी से बढ़ा. कुछ ही सालों में इस बीयर ने दुनिया भर में अपनी पहुंच बना ली. सन 1900 से पहले इंग्लैंड के अलावा अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में इसे बड़ी मात्रा में बनाया जाता था. यह बीयर चार टाइप की है जिसमें इंग्लिश स्टाइल आईपीए, सेशन आईपीए, इंपीरियल (डबल) आईपीए और अमेरिकल स्टाइल आईपीए शामिल हैं.

 

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