
Invention of Sleeper Coach: न्यूयॉर्क में बफ़ेलो से वेस्टफ़ील्ड तक एक ट्रेन सफर के दौरन नहर में नांव पर सोने वाले एक लड़के को ख्याल आया कि रेल यात्राओं को और तेज और आरामदायक बनाना बहुत जरूरी है. 1800 के दशक में रेल यात्रा ही लंबी दूरी की यात्रा का सबसे तेज तरीका था. उस लड़के ने नांव में रात को सोने के अपने अनुभवों को जोड़ा और आगे चलकर ट्रेन के लिए पहले आरामदायक स्लीपर कोच का निर्माण किया. इसमें लोग आराम से लेटकर सोते हुए सफर कर सकते थे और लंबी दूरी की यात्रा सुविधाजनक तरीके से कर सकते थे. ये लड़का था महान इंजीनियर जॉर्ज पुलमैन.
स्कूली पढ़ाई में नहीं लगा मन
जॉर्ज पुलमैन का जन्म 03 मार्च, 1831 को ब्रोक्टन, न्यूयॉर्क में हुआ था. वह जेम्स लुईस पुलमैन और एमिली कैरोलिन पुलमैन की तीसरी संतान थे. जॉर्ज के पिता, जेम्स ने खेती छोड़कर बढ़ई का काम करना शुरू किया. एमिली के चाचा ब्रॉकटन में मिंटन और बक जनरल स्टोर के मालिक थे. जॉर्ज ने न्यूयॉर्क के स्कूलों में कुछ समय के लिए ही पढ़ाई की, लेकिन 1845 में उन्होंने जनरल स्टोर में काम करने के लिए चौथी कक्षा में ही स्कूल छोड़ दिया. उन्हें अपने काम के लिए हर महीने 40 डॉलर मिलते थे.
पिता भी थे आविष्कारक
1845 में उनका परिवार एल्बियन, न्यूयॉर्क में शिफ्ट हो गया ताकि 'जेम्स एरी' नहर पर बढ़ई के रूप में काम कर सके. जॉर्ज उनके साथ नहीं आए और जनरल स्टोर में काम करना जारी रखा. जॉर्ज के पिता भी एक आविष्कारक थे, और जॉर्ज ने उनके साथ काम करना सीखा. जेम्स ने नहर निर्माण के रास्ते से इमारतों को स्थानांतरित करने के लिए एक तकनीक का आविष्कार किया और 1841 में इसका पेटेंट कराया. जॉर्ज ने अपने पिता की मृत्यु पर उनके कारोबार को संभाला और आविष्कार करना जारी रखा. पुलमैन स्लीपिंग कार (Pullman SLeeping Card) जॉर्ज पुलमैन के सबसे प्रसिद्ध आविष्कारों में से एक है.
राष्ट्रपति लिंकन की शवयात्रा से मिली लोकप्रियता
एक ट्रेन सफर में अपने खराब अनुभव के बाद उन्हें स्लीपर कार बनाने का विचार आया. पुलमैन ने अपनी पहली रेलरोड स्लीपिंग कार पुलमैन स्लीपर या 'पैलेस कार' 1864 में विकसित की. राष्ट्रपति लिंकन की हत्या के बाद, पुलमैन ने उनके शरीर को वाशिंगटन, डीसी से स्प्रिंगफील्ड में स्लीपर कार पर ले जाने की व्यवस्था की, जिस दौरान हजारों लोग श्रद्धांजलि देने रास्ते में खड़े थे. इसके बाद उनकी स्लीपर कार ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया.
1894 की आर्थिक मंदी के दौरान जॉर्ज ने अपने कर्मचारियों के वेतन घटाकर उनके काम के घंटे बढ़ा दिए थे, जिसे लेकर मशहून पुलमैन स्ट्राइक हुई जिसने जॉर्ज की कंपनी को फर्श पर लाकर पटक दिया था. जॉर्ज पुलमैन की मौत आज ही के दिन 19 अक्टूबर 1897 को हुई.