
Republic Day 2023: देश आज गणतंत्र दिवस की 74वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीनों सेनाओं की टुकड़ी से सलामी ले रही हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रृद्धांजलि दी. इस वर्ष पहली बार मिस्र की एक सैनिक टुकड़ी भी परेड का हिस्सा बनी. राष्ट्रपति की सलामी के साथ ही परेड की शुरुआत की जाती है. पर क्या आप जानते हैं कि थल सेना, जल सेना और वायुसेना के सैल्यूट करने का तरीका अलग-अलग होता है. आइये जानते हैं तीनों में क्या फर्क है.
Indian Army Salute: इंडियन आर्मी यानी भारतीय थल सेना का सैल्यूट पूरी हथेली दिखाकर किया जाता है. सैल्यूट करते वक्त हाथ का पूरा पंजा सामने की तरफ खोलकर दिखाया जाता है. इसमें सभी अंगुलियां खुली रहती हैं और अंगूठा सिर और आईब्रो के बीच में रहता है. आर्मी सैल्यूट भरोसे का प्रतीक है और यह साबित करती है कि सैनिक बिना दुर्भावना के सलामी दे रहा है और उसके पास कोई छिपा हुआ हथियार नहीं है.
Indian Navy Salute: इंडियन नेवी यानी भारतीय नौसेना का सैल्यूट आर्मी के सैल्यूट से अलग होता है. इसमें हथेली दिखाई नहीं देती. हाथ पूरी तरह से नीचे की ओर मुड़ा होता है. इस सैल्यूट में अंगूठा माथे पर सिर और आईब्रो के बीच में रहता है. इसका कारण है कि जहाज पर काम करने वाले सैनिकों के हाथ अक्सर तेल के दाग और गंदगी से खराब होते थे. ऐसे में अपने सीनियर्स के अनादर से बचने के लिए, हथेलियों को जमीन की ओर करके सलामी दी जाने लगी, जो आगे एक परंपरा बन गई.
Indian Air Force Salute: इंडियन एयर फोर्स यानी भारतीय वायु सेना का सैल्यूट पहले आर्मी की तरह ही होता है, लेकिन 2006 में एयर फोर्स ने अपने जवानों के सैल्यूट का नया तरीका तय किया. नेवी सैल्यूट के दौरान हाथ और जमीन के बीच 45 डिग्री का कोण बनता है. सैल्यूट करते हुए वायु सेना आसमान की ओर अपने कदम को दर्शती है.