प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वाले इन बच्चों में कुछ तो खास है जो उन्हें सबसे अलग बनाता है. देश भर से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले इन बच्चों के बारे में आप भी जानिए. कैसे इन बच्चों ने गणित, विज्ञान से लेकर कला के क्षेत्र में झंडे गाड़े हैं. पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिये भी इन बच्चों को बधाई दी है.
आंध्र प्रदेश विशाखापट्टनम की अमेया 12 साल की हैं. वो शास्त्रीय नर्तकी हैं. चार साल की उम्र से वो नृत्य सीख रही हैं. छह साल की उम्र में उन्होंने दो घंटे 45 मिनट में 14 पारंपरिक नृत्य आइटमों के साथ अरंगेत्रम का प्रदर्शन किया. एशिया बुक से लेकर गिनीज बुक तक 8 इंटरनेशनल और 9 नेशनल पुरस्कार वो जीत चुकी हैं.
मास्टर अनुराग रमोला उत्तराखंड के देहरादून के 16 साल के चित्रकार हैं. लॉकडाउन में अधिकतम ऑनलाइन कला प्रतियोगिता में जीतने वाले सबसे कम उम्र के छात्र हैं, यह वर्ल्ड रिकॉर्ड सिर्फ भारत के पास है. पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिये बधाई देते हुए कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जरिये मैं अनुराग की एग्जाम स्ट्रेस पर प्रदर्शनी देख चुका हूं. भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं.
त्रिपुरा की दस साल की चेस मास्टर यानी शतरंज की खिलाड़ी अर्शिया को पीएम मोदी ने बधाई दी है. अर्शिया नॉर्थ ईस्ट की इकलौती और पहली शतरंज खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय गोल्ड पदक प्राप्त किया है. वो नेशनल शतरंज चैंपियन भी रही हैं.
हृदया आर कृष्णन तिरुवनंतपुरम जिले की 17 साल की वीणावादक हैं. उन्हें वीणा प्रस्तुति के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं. वो केरल राज्य का सवोच्च बाल पुरस्कार उज्जवला बाल्यम पाने वाली पहली लड़की थीं.
दरभंगा, बिहार की 16 साल की ज्योति कुमारी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलने पर बहुत बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं. ये शब्द हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के, उन्होंने 1200 किमी तक साइकिल चलाकर बीमार पिता को जिस तरह पिछली सीट पर बैठाकर ले गईं, वो काबिले तारीफ है. लॉकडाउन में ज्योति ने हरियाणा के सिकंदरपुर से बिहार दरभंगा तक का सफर तय किया.
कामेश्वर जगन्नाथ वाघमारे 14 साल के हैं. वो महाराष्ट्र के नांदेड जिले से हैं. उन्होंने मनार नदी में तीन में से दो लड़कों को डूबने से बचाया था, लेकिन गहराई का अनुमान नहीं लगा सके. जान की परवाह किए बिना अपनी उम्र से बड़े लडकों की जान बचाई. कामेश्वर को वीरता के क्षेत्र में पीएम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया जा रहा है.
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतने वाली गुजरात की बेटी खुशी चिराग पटेल 15 साल की हैं. वो चीन में हुई 17वीं रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में तीन गोल्ड जीतने वाली इकलौती भारतीय महिला बनी हैं. 2018 में वो दक्षिण कोरिया में हुई 18वीं एशियन रोलर स्केटिंग प्रतियोगिता में शामिल हुईं और चौथे स्थान पर रहीं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के कुंवर दिव्यांश सिंह का अदम्य साहस हर किसी को प्रेरित करने वाला है. उन्होंने अपनी बहन और दूसरे कई बच्चों की रक्षा के लिए जान दांव पर लगा दी. इस वीरता के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजे जाने पर उन्हें अनेक शुभकामनाएं. बता दें कि वो अपनी बहन और सात अन्य बच्चों को बचाने के लिए बैल से भिड़ गए थे. उनका इसमें हाथ भी टूट गया था फिर भी बिना रुके बैल को भगाकर माने.
तनुज समद्दार असम के कामरूप जिले के रहने वाले प्रतिभाशाली कलाकार हैं. वो कलर पेंसिल, तेल और पानी के रंग से ही नहीं बल्कि कोयला और एक्रिलिक से भी चित्र बनाते हैं. उनके पास अब तक 10 इंटरनेशनल और 35 राष्ट्रीय पुरस्कार हैं.
सौहार्द्य डे पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर के रहने वाले हैं. वो 16 साल की उम्र में ही ऐतिहासिक एवं पौराणिक कथाओं के भारतीय लेखक और कला संस्कृति विषयों के स्तंभकार के तौर पर पहचान बना चुके हैं. उनके कॉलम संडे गार्जियन, स्क्रॉल.इन सहित कई नामी प्रकाशनों में छप चुके हैं. उनकी दूसरी किताब सूर्यवंश का इतिहास नाम से 2019 का इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड पा चुकी है.
पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिये 10 साल के इस कलाकार की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि लखनऊ के 10 साल के व्योम अहूजा ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से हर किसी को अचंभित कर दिया है. खेलकूद से लेकर संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अपने रिकॉर्ड प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई. बता दें कि व्योम अब तब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 28 नेशनल रिकॉर्ड बना चुके हैं. वो नौ संगीत वाद्य यंत्र बजाने के साथ ही कई खेलों में भी महारथी हैं.