अग्निपथ योजना में नियुक्त होने वाले अग्निवीरों को कौशल आधारित शिक्षा कार्यक्रम के जरिये कौशल आधारित स्नातक डिग्री भी मिलेगी. इसके लिए शिक्षा मंत्रालय ने तीन वर्षीय स्किल बेस्ट डिग्री देने वाले कार्यक्रम को मान्यता दी है. इससे भविष्य में उन्हें असैन्य क्षेत्र की नौकरियों के लिए भी तैयार होने में मदद मिलेगी.
कैसे मिलेगी डिग्री
इस कार्यक्रम के तहत जो इग्नू द्वारा डिजाइन किया गया है और उनके द्वारा निष्पादित भी किया जाएगा, इसमें स्नातक डिग्री के लिए आवश्यक 50% क्रेडिट कौशल प्रशिक्षण से आएगा. इसके अलावा 50 फीसदी क्रेडिट उन्हें अन्य विषयों से मिलेगा. इसमें लैंग्वेज, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, समाजशास्त्र, गणित, एजुकेशन, कॉमर्स, टूरिज्म, वोकेशनल स्टडीज, एग्रीकल्चर एंड ज्योतिष के अलावा पर्यावरण अध्ययन और कम्यूनिकेशन स्किल्स इन इंग्लिश आदि विषय शामिल होंगे.
यह कार्यक्रम यूजीसी मानदंडों के साथ और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अनिवार्य नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क / राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ जुड़ा हुआ है. इसमें कई निकास बिंदुओं का भी प्रावधान है - प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के सफल समापन पर स्नातक प्रमाणपत्र, प्रथम और द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रमों के सफल समापन पर स्नातक डिप्लोमा, और तीन वर्ष की समय सीमा में सभी पाठ्यक्रमों के पूरा होने पर डिग्री दी जाएगी. इसके बाद आगे की पढ़ाई करना आसान होगा.
ये सभी डिग्री कार्यक्रम देश के संबंधित नियामक निकाय जैसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET)और यूजीसी (UGC)की ओर से विधिवत मान्य होगी. ये डिग्रियां देश-विदेश कहीं भी आगे की शिक्षा के लिए पूरी तरह मान्य होगी.
ये डिग्री IGNOU से स्वीकृत बीए, बीकॉम, बीए टूरिज्म मैनेजमेंट और प्रोफेशनल की ही मिलेगी, इसके बाद रोजगार या अगर आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो इसके आगे कहीं भी आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि सेना की तीनों ब्रांच जल, थल और वायु सेना इसके लिए इग्नू के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) साइन करेंगी. इससे अग्निवीरों को 4 साल की नौकरी के बाद पढ़ाई जारी रखना आसान होगा.
इसके अलावा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) रक्षा अधिकारियों की सलाह से एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है, ताकि 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले अग्निवीरों को उनकी शिक्षा आगे बढ़ाने और उनके सेवा क्षेत्र के लिए प्रासंगिक पाठ्यक्रम विकसित करके 12वीं कक्षा का प्रमाणपत्र प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके. शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने इसके बारे में जानकारी दी है.
गृह मंत्रालय ने अग्निपथ योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है. गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री के इस निर्णय से ‘अग्निपथ योजना’ से प्रशिक्षित युवा आगे भी देश की सेवा और सुरक्षा में अपना योगदान दे पाएंगे. इस निर्णय पर विस्तृत योजना बनाने का काम शुरू हो गया है. हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. फिर चार साल बाद 25 फीसदी को स्थायी कैडर मिल जाएगा.