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Board Exam 2024: बच्चों की मेंटल हेल्थ बिगाड़ रहा है पढ़ाई का प्रेशर! जानें एक्सपर्ट्स की राय

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST
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Board Exam 2024: बोर्ड परीक्षाएं 2024 शुरू होने में अब बहुत ही कम समय बचा है. CBSE, CISCE, यूपी, बिहार, असम, झारखंड समेत कई राज्यों ने भी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट (Board Exam Date Sheet 2024) जारी कर दी है. ऐसे समय में बच्चे पढ़ाई का दोगुना प्रेशर महसूस करते हैं, जिसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. 

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10% स्कूली बच्चे मेंटल हेल्थ खराब
हाल ही में भारत में हुए National Sample Poll Organisation के एक सर्वे के मुताबिक स्कूल जाने वाले 10% बच्चे मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं. अगर वैश्विक आंकड़ों पर नजर डालें, तो 18 साल से कम उम्र के करीब 13% बच्चों की मेंटल हेल्थ ठीक नहीं है. इसलिए स्कूलों को इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

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पिछले 10 साल कठीन थे
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बच्चों में बढ़ते डिप्रेशन पर मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक नूपुर ढींगरा पाइवा एवं शिक्षक और लेखिका आभा एडम्स ने कहा था कि टिनएज में डिप्रेशन की नजरिये से देखें तो पिछला दस साल कठिनाइयों से भरा रहा है. अगर बच्चे टूटते हैं तो समाज टूटता है. टिनएज डिप्रेशन की वजह से पिछले 20 वर्षों में बच्चों पर काफी प्रभाव पड़ा है.

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एक्सपर्ट्स की राय
एक्स्पर्ट्स का मानना है कि सरकार को भारत की शिक्षा नीति में कुछ ऐसे बदलाव करने चाहिए, जिससे बच्चों को पढ़ाई बोझ ना लगे. पेरेंट्स और शिक्षकों को भी बच्चों पर एग्जाम में अच्छे नंबर लाने का प्रेशर नहीं डालना चाहिए. हालांकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में बच्चों के नंबर से से ज्यादा नॉलेज पर फोकस किया जा रहा है. 

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इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि छात्रों को पढ़ाई के साथ साथ किसी लाइफ स्‍क‍िल से सीधा जोड़ना.

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मेंटल हेल्थ सुधारने के लिए उठा जा रहे ये कदम
वहीं दूसरी ओर बच्चों की मेंटल हेल्थ ठीक रहे इसके लिए आजकल स्कूलों में उनकी काउंसलिंग कराई जाती है, जिससे पता चल सके की वो किसी तरह के दबाव में तो नहीं है. बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहे इसकी जिम्मेदारी सिर्फ स्कूल और टीचर्स की ही नहीं बल्कि पेरेंट्स की भी होती है. उन्हें पढ़ाई का ऐसा वातावरण बनाना चाहिए, जिससे बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर ना पड़े.

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बोर्ड एग्जाम से पहले इन बातों का रखें ध्यान
बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है. इस बार नहीं तो अगली बार, आप कॉन्फिडेंस के साथ तैयारी करेंगे तो एक दिन सफलता आपके कदम चूमेगी. अच्छे मार्क्स पाने के लिए आप मार्किंग स्कीम समझें, छोटे-छोटे ब्रेक लेकर पढ़ाई करें, कठीन विषयों को ज्यादा समय दें, नोट्स बनाकर पढ़ें, आसान सवालों को पक्क कर लें. सबसे जरूरी बात कॉन्फिडेंट रहें और तनाव न लें.

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