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CBSE Board 12th Exam: बिना परीक्षा होंगे पास, रिजल्ट से नाखुश छात्रों के पास ये होगा विकल्प

aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 02 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:06 AM IST
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कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं और खतरों के बीच सरकार ने सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को इस मुद्दे पर राज्य और अन्य हितधारकों से व्यापक चर्चा के बाद फैसला लिया. ऐसे में अब ये सवाल उठ रहा है कि आखिर किस आधार पर छात्रों के परीक्षा परिणाम तय किए जाएंगे. यदि छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होता तो उसके लिए क्या विकल्प हैं. जानिए जवाब.... 

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में सीबीएसई के अफसरों से कहा कि 12वीं कक्षा के छात्रों के रिजल्ट को वेल डिफाइंड मानदंडों के अनुसार समयबद्ध तरीके से तैयार किया जाए. साथ ही सीबीएसई बोर्ड से यह सहूलियत देने के लिए भी कहा गया है कि यदि कोई छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे ऑफलाइन एग्जाम का दूसरा मौका दिया जाए. लेकिन ऐसा सिर्फ उन्हीं हालातों पर होगा जब कोरोना को लेकर स्थ‍ित‍ियां सामान्य होंगी. 

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बैठक में शामिल केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि रिजल्ट तैयार करने के लिए इंटरनल परीक्षा को भी आधार पर बनाया जा सकता है. अभी तक छात्रों के जो 11वीं और 12 के जो दो इंटरनेल एग्जाम हुए हैं. उसके एसेसमेंट के आधार पर नतीजे आएंगे. हर एग्जाम में उनके दाखिले के लिए पिछले साल की तरह सुविधा भी रहेगी और आगे चलकर जब परिस्थिति नॉर्मल होगी तो परीक्षा दे सकते हैं.

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आप अगर सोच रहे हैं कि सीबीएसई रिजल्ट को किस तरह पारदर्शी और सर्वग्राही तरीके से तैयार कर सकती है तो इसका जवाब है, बोर्ड द्वारा दसवीं के लिए तैयार की गई न्यू एग्जाम पॉलिसी. सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं के छात्रों का रिजल्‍ट तैयार करने के लिए जो पॉलिसी अपनाई है, उसमें सात स्‍कूल टीचर्स के साथ प्रिंसिपल को शामिल करते हुए एक रिजल्‍ट कमेटी बनाने की भी बात कही गई है. ये कमेटी रिजल्ट तैयार करने में पूरा रोल निभाएगी. 

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इस कमेटी में प्रिंसिपल के अलावा सात टीचर्स होंगे जो कि र‍िजल्‍ट को फाइनल रूप देंगे. इन टीचर्स में पांच उसी स्‍कूल से होंगे. ये पांच टीचर गण‍ित, सोशल साइंस, साइंस और दो लैंग्‍वेज के होंगे. इसके अलावा कमेटी में दो टीचर्स पास के किसी अन्‍य स्‍कूल के होंगे जिन्‍हें स्‍कूल कमेटी के एक्‍सटर्नल मेंबर के तौर पर शामिल करेगा. हो सकता है कि बोर्ड इसी तरह की पॉलिसी 12वीं के लिए भी अपनाएं...  

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सीबीएसई की ओर से जारी पॉलिसी के एनेक्शचर वन में दिया गया है कि ये कमेटी कि‍स तरह तैयार होगी. इस कमेटी का नाम रिजल्‍ट कमेटी होगा जिसके चेयरपर्सन स्‍कूल के प्रिंसिपल होंगे. इसके बाद जो पांच टीचर्स चुने जाएंगे वो ऐसे होंगे जो छात्रों के एकेडमिक परफॉर्मेंस से भलीभांति परिचित हों, अर्थात जिन्‍होंने इन बच्‍चों को पढ़ाया है और उनके संपर्क में रहे हैं.

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इसके अलावा जो दो टीचर कमेटी में बाहर से जोड़े जाएंगे, उनके बारे में यह सुनिश्‍च‍ित किया जाए कि वो रिजल्‍ट के बारे में ईमानदारी से असेसमेंट करेंगे. ये टीचर भी सीबीएसई एफिलिएटेड स्‍कूल से होने चाहिए जो क‍ि क्‍लास 10 को ही पढ़ाते रहे हों. लेकिन साथ ही ये भी याद रखना है कि कोई टीचर जो एक स्‍कूल की रिजल्‍ट कमेटी में है वो दूसरे स्‍कूल की कमेटी में शामिल नहीं होगा. दोनों स्‍कूल परस्‍पर यह सुनिश्‍च‍ित जरूर कर लें. यही नहीं ये दो स्‍कूल एक ही मैनेजमेंट के नहीं होने चाहिए.

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इस कमेटी की पहली जिम्‍मेदारी महामारी काल में दसवीं का निष्‍पक्ष और भेदभाव रहित रिजल्‍ट तैयार करना है. कमेटी के सभी सदस्‍यों को पॉलिसी की बारीक जानकारी होना जरूरी है. इसके अलावा वो आपस में बातचीत करके इसके बारे में अध‍िक से अध‍िक जानकारी रखते हों.

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ऐसा भी कहा जा रहा है कि बोर्ड कुछ इसी तरह ही 12वीं के लिए भी एसेसमेंट के लिए योजना बनाएगी ताकि इन छात्रों का पारदर्शी तरीके से मूल्यांकन हो सके. वहीं शिक्षा क्षेत्र के लोगों का ये भी दावा है कि बोर्ड 12वीं के रिजल्ट को तैयार करने के लिए होम असाइनमेंट और असेसमेंट के अन्य स्मार्ट तरीकों को भी अपना सकता है. लेकिन इसके अलावा सबसे स्पष्ट बात यह है कि अगर कोई छात्र फिर भी रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होता तो वो कोरोना संक्रमण कम होने पर ऑफलाइन एग्जाम भी दे सकता है. 

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