देशभर के लाखों विद्यार्थी सीबीएसई बोर्ड एग्जाम 2021 की डेट का इंतजार कर रहे हैं. कल यानी 31 दिसंबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक परीक्षा की तारीखों की घोषणा करेंगे. तारीखों की घोषणा से पहले आइए जानें- कोरोना काल में परीक्षाओं से पहले छात्र और अभिभावक सरकार से क्या मांग कर रहे हैं. ये खास बातें भी जानिए.
आजतक के खास कार्यक्रम में स्टूडेंट विनायिका ने कहा कि मेरी बहन कक्षा 12 के एग्जाम देने जा रही है. हमारे पेरेंट्स बिना सिक्योरिटी के एग्जाम कराने को लेकर डरे हुए हैं. अगर पूरे प्रीकॉशन के साथ परीक्षा ली जाएगी तो पेरेंट्स एग्जाम देने को तैयार होंगे. अब सभी छात्र एग्जाम को लेकर अनुमान लगा रहे हैं कि इसे और आगे टाला जाएगा. टीचर तुषारिका शर्मा ने कहा कि हम जहां तक सोचते हैं कि बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हुई तो परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिए. वहीं स्टूडेंट गर्वित ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के जरिये तैयारी करना काफी मुश्किल हो रहा है. इसलिए तैयारी के लिए और समय मिलना चाहिए.
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर अभिभावकों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. अभिभावकों का कहना है कि जिस तरह से ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई हुई है, उससे बच्चों की तैयारी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. इसके अलावा कोरोना का खतरा भी अभी तक मंडरा रहा है. कोरोना के नये स्ट्रेन ने और भी ज्यादा नींद उडा दी है. अभिभावकों की मांग है कि उनके बच्चों को पहले वैक्सीन दी जाए, इसके बाद ही उन्हें एग्जाम के लिए बुलाया जाए.
सरकार ने छात्रों को दी है ये राहत
इस बार 30 फीसदी सिलेबस घटाया गया है
सभी बाेर्ड एग्जाम ऑफलाइन मोड में ही होंगे
मार्कशीट पर फेल नहीं लिखा जाएगा, न किसी को फेल किया जाएगा.
इस बार एंट्रेंस एग्जाम में प्रैक्टिकल एग्जाम नहीं लिए जाएंगे.
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर सरकार इस बार कई बदलाव कर सकती है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से इस बार परीक्षा के लिए सहूलियत के एग्जाम सेंटर बदलने की अनुमति मिल सकती है. कोरोना को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई स्टूडेंट्स को एग्जाम सेंटर बदलने की इजाजत दे सकता है. इस दौरान स्टूडेंट्स को सेंटर बदलने की स्थिति में अपने स्कूल को जानकारी देनी पड़ सकती है कि वे किस सेंटर पर परीक्षा दे रहे हैं.
परीक्षा केंद्र बदलने की बात करें तो बोर्ड 2020 में हुई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर सेंटर में अपनी रुचि के अनुसार चयन का विकल्प दे सकता है. सीबीएसई बच्चों को सबसे करीब परीक्षा केंद्र नियुक्त कर सकता है ताकि बच्चों को परेशानियों का सामना न करना पड़े. इसके लिए बच्चों के स्कूल से उनके पते आदि के बारे में जानकारी ली जा सकती है.
कोरोना को लेकर मांग सकते हैं जानकारी
जैसे कि बीते साल 2020 में बोर्ड ने बची हुई परीक्षाओं के मद्देनजर ऐहतियात बरते थे. इसी प्रकार इन परीक्षाओं में भी स्टूडेंट के अभिभावकों से ये जानकारी मांगी जा सकती है कि उनके बच्चे को कोरोना संक्रमण तो नहीं हुआ, अगर ऐसे कोई भी लक्षण पाए जाते हैं या बच्चा बीमार है तो उसके लिए दोबारा परीक्षा या कोई अन्य प्रोसेस भी अपनाया जा सकता है.
इसके अलावा बोर्ड परीक्षा केंद्रों में भी बढोत्तरी कर सकता है ताकि कोविड19 प्रोटोकॉल का पालन हो सके. परीक्षा केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर व मास्क का प्रयोग अनिवार्य किया जाएगा. साथ ही सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं से पहले हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगा.
एग्जाम को लेकर सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली ने आजतक से कहा कि आने वाले सालों में अच्छा ये होगा कि सरकार फार्मेटिव सिस्टम को सामने लाए. उन्होंने कहा कि इस साल भी ऑफलाइन एग्जाम तो होंगे, ये तो तय है लेकिन कोरोना काल में ये जरूर है कि संभव है परीक्षाएं मार्च अप्रैल में हों.
जेएस राजपूत पूर्व निदेशक एनसीईआरटी का कहना है कि चाहे माता-पिता हों या स्टूडेंट सभी असमंजस में हैं. हाल में कोरोना के मामले घटे हैं, टीका भी बन गया है. नई शिक्षानीति के अनुसार जब नौ, 11 और 12 को एक कर दिया गया है तो क्या जरूरी है कि 10वीं की परीक्षा ऑफलाइन कराई जाए. लेकिन दबाव तो सब पर है जिसे सहन करना पडेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों के तनाव को देखते हुए ये परीक्षा फरवरी के बाद कराई जानी चाहिए.