पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर केंद्र सरकार ने कार्यवाही शुरू कर दी है. राष्ट्रीय स्मृति स्थल राजघाट के आसपास और किसान घाट के पास कुछ स्थानों को चिन्हित किया गया है. मनमोहन सिंह की स्मृति के लिए बनने वाले ट्रस्ट को लगभग डेढ़ एकड़ जमीन दी जाएगी. सरकार ने इन विकल्पों को मनमोहन सिंह के परिवार के साथ साझा किया है और उनसे चयन करने को कहा है. तो आइए ऐसे में जानते हैं कि देश की किन महान हस्तियों का स्मारक कहां बनाया गया है.
Rajghat: Mahatama Gandhi
महात्मा गांधी की हत्या के बाद, 31 जनवरी, 1948 को उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के राजघाट पर किया गया था. राजघाट, दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित है. यहां काले संगमरमर से बनी महात्मा गांधी की समाधि है. समाधि पर उनके अंतिम शब्द 'हे राम' लिखे हैं. यहां पर जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री जैसे अन्य नेताओं की समाधियां या स्मारक भी हैं. राजघाट परिसर का डिज़ाइन वानू जी. राजघाट परिसर की लैंडस्केपिंग मेरठ के एंग्लो इंडियन एलिश पर्सी लैंकस्टेर ने की थी.
Vijay Ghat: The memorial of Lal Bahadur Shastri
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री रहे हैं. शास्त्री ने ही जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री अपने छोटे कद और बेहद ऊंचे विचारों के लिए जाने जाते हैं. उन्हें मरणोपरांत 1966 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. गांधी जी के जन्मदिवस के दिन यानी 2 अक्टूबर को ही लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जयंती होती है. दिल्ली के विजय घाट में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की समाधि बनी हुई है.
Shakti Sthal: The memorial of Indira Gandhi, the former Prime Minister of India
शक्ति स्थल भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण स्मारक है, जो नई दिल्ली में स्थित है. यह स्मारक इंदिरा गांधी की मृत्यु के स्थान पर बनाया गया है. 31 अक्टूबर 1984 को उनका निधन हुआ था. इंदिरा गांधी की हत्या उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा की गई थी. शक्ति स्थल विशाल संगमरमर की पट्टी पर उनका नाम लिखा हुआ है, जहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है.
Shanti Van: The memorial of Jawaharlal Nehru and Sanjay Gandhi
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का स्मारक नई दिल्ली में बना हुआ है. जवाहरलाल नेहरू की समाधि यमुना नदी के किनारे स्थित शांतिवन में है. यह दिल्ली के रिंग रोड पर आने वाला एक बस स्टॉप भी है. शांतिवन में हर साल जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि और बाल दिवस मनाया जाता है.
Veer Bhumi: The memorial of Rajiv Gandhi, the 6th Prime Minister of India
भारत के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अंत्येष्टि 24 मई 1991 को वीर भूमि पर यमुना नदी के तट पर की गई थी. यहीं पर उनका स्मारक स्थल बना हुआ है, जिसे वीर भूमि (Land of Brave) कहा जाता है.
Abhay Ghat: The memorial of Morarji Desai
मोरारजी रणछोड़जी देसाई एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 1977 से 1979 के बीच जनता पार्टी द्वारा गठित सरकार का नेतृत्व करते हुए भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया. राजनीति में अपने लंबे करियर के दौरान, उन्होंने सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया जैसे कि बॉम्बे राज्य के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और भारत के दूसरे उप प्रधान मंत्री. उनकी समाधि गुजरात के अहमदाबाद में स्थित अभय घाट पर है.
Karma Bhumi: The memorial of Dr Shankar Dayal Sharma (Land of Duty)
डॉ. शंकर दयाल शर्मा भारत के नौंवे राष्ट्रपति थे, वे 25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997 तक इस पद पर रहे. डॉ शर्मा 1950 से 1950 भोपाल कांग्रेस के अध्ययक्ष भी रहे. 1952 में भोपाल स्टेट के पहले मुख्यमंत्री बने और वे उस समय के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे. भोपाल शहर प्रदेश की राजधानी बनाए जाने में डॉ शर्मा की बड़ी भूमिका थी. शंकर दयाल शर्मा का 1999 में निधन हो गया और उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार दिया गया. उनकी समाधि दिल्ली में कर्म भूमि पर है.
Mahaprayan Ghat: The memorial of Dr Rajendra Prasad
महाप्रयाण घाट बिहार के पटना में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जो भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की याद में स्थापित किया गया है. यह घाट उनके निधन के बाद पटना गंगा नदी के किनारे पर उनके अंतिम संस्कार स्थल के पास बनाया गया था. राजेंद्र प्रसाद ने देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में 12 वर्षों तक सेवा की और भारतीय राजनीति के एक महान नेता के रूप में सम्मानित हुए.
The memorial of Gulzarilal Nanda
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और भारतीय राजनीति के महान नेता गुलज़ारीलाल नंदा का स्मारक हरियाणा के कुरूक्षेत्र में बना हुआ है. गुलज़ारीलाल नंदा भारतीय गणराज्य के एक प्रसिद्ध राजनेता थे, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो बार कार्य किया था, एक बार पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद (1966) और दूसरी बार इंदिरा गांधी के निधन के बाद (1984). उन्होंने अपने कार्यकाल में देश की नीति और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.
KR Narayanan
भारतीय गणराज्य के 11वें राष्ट्रपति के.आर. नारायणन की याद में केरल राज्य के कुट्टानाद में उदय भूमि स्मारक स्थल की स्थापना की गई थी. के.आर. नारायणन राष्ट्रध्यक्ष वोट देने वाले पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 1998 लोकसभा चुनाव में पहला वोट डाला. नारायणन को उनके महान व्यक्तित्व व महत्वपूर्ण कृत्यों की वजह से याद किया जाता है.
PV Ghat: The memorial of PV Narasimha Rao
पीवी घाट भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की याद में हैदराबाद में स्थित एक स्मारक स्थल है. यह घाट नरसिंह राव के सम्मान में बनाया गया है. पीवी नरसिंह राव का कार्यकाल 1991 से 1996 तक था, और उन्हें भारतीय आर्थिक सुधारों का आर्किटेक्ट माना जाता है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव (Narasimha Rao) का पूरा नाम पामुलपर्थी वेंकट नरसिम्हा राव था. उन्हें भारत की अर्थव्यवस्था में सुधारक के रूप में भी जाना जाता है. राव को प्रतिभा मूर्ति लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
Chaitya Bhoomi: The memorial of BR Ambedkar
चैत्य भूमि मुंबई में स्थित एक स्मारक है, जो भारतीय संविधान के निर्माता और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की याद में बनाया गया है. यह स्थल दादर के पास स्थित है और यह डॉ. अंबेडकर के अंतिम संस्कार स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. भीमराव रामजी आम्बेडकर (14 अप्रैल 1891 – 6 दिसंबर 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक और समाजसुधारक थे. उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था. चैत्य भूमि पर हर वर्ष 14 अप्रैल को डॉ. अंबेडकर के जयंती दिवस पर बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आते हैं.
Nigambhodh Ghat: The memorial of Krishna Kant, the Vice-President
कृष्णकांत (28 फ़रवरी 1927 - 27 जुलाई 2002) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 1997 से 2002 में अपनी मृत्यु तक भारत के दसवें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. अपने उपराष्ट्रपति पद से पहले, वह 1990 से 1997 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे. राजधानी दिल्ली के निगमबोध घाट पर स्थित स्मारक में कृष्ण कांत के योगदान को सम्मानित किया गया है. यह स्थल उनके अनुयायियों और देशवासियों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक केंद्र बन गया है.
Ekta Sthal: The memorial of Giani Zail Singh, the President
दिल्ली में स्थित एकता स्थल ज्ञानी जैल सिंह के सम्मान में बनाया गया एक स्मारक है. इसे प्लेस ऑफ यूनिटी कहा जाता है. यह स्थल भारतीय गणराज्य के 7वें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की याद में स्थापित किया गया है. ज्ञानी जैल सिंह का कार्यकाल राष्ट्रपति पद पर 1982 से 1987 तक था. उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज में अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा और उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए.
Samta Stal: The memorial of Jagjivan Ram, the Deputy PM
जगजीवन राम को बाबूजी के नाम से जाना जाता है. जगजीवन राम ने 30 से अधिक वर्षों तक विभिन्न विभागों के मंत्री के रूप में कार्य किया, जिससे वे भारतीय इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बन गए. उन्होंने जनवरी 1979 से जुलाई 1979 तक भारत के उप प्रधान मंत्री के रूप में भी कार्य किया. जगजीवन राम का मेमोरियल राजधानी दिल्ली में स्थित राजघाट के पास बना हुआ है. इसे 'Place of Equality' के नाम से भी जाना जाता है.
Sangharsh Stal: The memorial of Devi Lal, the Deputy PM
देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल की समाधि दिल्ली में स्थित राजघाट के पास है, जिसे संघर्ष स्थल कहा जाता है. हरियाणा के जनक कहे जाने वाले ताऊ देवी लाल का नाम भारतीय राजनीति में एक प्रमुख किसान नेता के रूप में दर्ज है. साल 1989 में देवी लाल को बहुमत से संसदीय दल का नेता चुना गया था. उन्होंने प्रधानमंत्री पद का ताज त्याग दिया था. अक्खड़ मिजाज और दबंग माने जाने वाले ताऊ देवी लाल की गिनती देश के उन चुनिंदा नेताओं में होती है, जो देश को आज़ादी मिलने से पहले और बाद में राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल रहे.
Jannayak Sthal: The memorial of Chandra Shekhar, the PM
चंद्र शेखर भारत के आठवें प्रधानमंत्री थे. उनका जन्म 17 अप्रैल 1927 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित इब्राहिमपत्ती गांव के एक किसान परिवार में हुआ था. वह 1977 से 1988 तक जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे. चन्द्र शेखर अपने छात्र जीवन से ही राजनीति की ओर आकर्षित थे और क्रांतिकारी जोश एवं गर्म स्वभाव वाले वाले आदर्शवादी के रूप में जाने जाते थे. नई दिल्ली में एकता स्थल समाधि परिसर स्थित पूर्व पीएम चंद्रशेखर की समाधि है, जिसे जननायक स्थल कहा जाता है.
सदैव अटल स्मारक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
"सदैव अटल" स्मारक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में दो प्रमुख स्थानों पर स्थापित किया गया है. एक स्मारक दिल्ली में राज घाट के पास स्थित है, जो उनके योगदान और उनके प्रति सम्मान को व्यक्त करता है. दूसरा "सदैव अटल" स्मारक ग्वालियर में ग्वालियर किला के पास स्थित है, जो अटल बिहारी वाजपेयी के ग्वालियर निवासी होने का प्रतीक है. यह स्मारक भी 25 दिसंबर 2018 को उद्घाटित हुआ और इसमें अटल जी की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है.