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एजुकेशन न्यूज़

ये हैं लॉकडाउन में 1200 क‍िमी साइकिल चलाने वाली ज्‍योति, PM ने भी की तारीफ

aajtak.in
  • नई द‍िल्‍ली,
  • 26 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST
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ज्‍योति बिहार के दरभंगा के सिरहुल्‍ली गांव की रहने वाली हैं. गुरुग्राम में ई-र‍िक्‍शा ड्राइवर का काम करके कमाने वाले पिता की मदद करके वो सुर्खियों में आईं. अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति की बेटी भी उनके बारे में ट्वीट कर चुकी हैं. 

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गांव में एक कमरे के घर में रहने वाली ज्‍योति के परिवार में माता-पिता के अलावा 3 बहनें दो भाई और जीजा सभी साथ रहते थे. जब कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा तो ज्‍योति ने 500 रुपये की सेकेंड हैंड साइकिल लेकर बीमार पिता को लेकर गांव जाने का फैसला किया था. 

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उसके बहादुरी भरे इस कदम के बाद बहुत कुछ बदल चुका है. आज उसके पास न सिर्फ 6 से ज्‍यादा साइकिलें हैं बल्‍क‍ि एक पूरा संदूक भरकर गिफ्ट हैं जो दूर दूर से लोग उसे भेजते हैं. यही नहीं अब उसका अपना निर्माणाधीन दो मंजिला घर भी है. 

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इस घर के मेन डोर में पिता ने अपनी बेटी का नाम लिखाया है. उन्‍होंने कहा कि उनकी बेटी के कारण ही सरकार से उन्‍हें मदद मिली है, जिसके कारण उनका घर बन रहा है. वो गुरुग्राम में ई-रिक्‍शा चलाने का काम करते थे, लेकिन उनका बीते साल एक्‍सीडेंट होने से पैर के घुटने में चोट लगी थी. 

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ज्‍योति मां और जीजा के साथ गुरुग्राम पहुंची जहां पिता की देखरेख के लिए वो रुक गई और बाकी लोग वापस आ गए. लेकिन तभी लॉकडाउन लग गया,वहां पैसे भी खत्‍म हो गए.मां ने यहां वहां से कर्ज लेकर पैसा भेजा, लेकिन वो भी ज्‍यादा नहीं चल सका. जब कोई रास्‍ता सामने नहीं दिखा तो उसने देखा कि उसके इलाके के लोग साइकिलों से अपने घर वापस जा रहे हैं तो उसने 1000 रुपये की साइकिल खरीदी. उस वक्‍त 500 रुपये ही थे तो वही देकर बाकी पैसे उधार दे दिए. 

 

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जब वो दरभंगा के लिए दिल्‍ली से निकली तो रास्‍ते में हर जगह लोगों ने उसकी तारीफ की. यही नहीं लोगों ने उसके हौसले को खूब सराहा, देखते ही देखते सोशल मीडिया में उसकी तस्‍वीरें वायरल हो गईं. मीडिया में छाने के बाद सरकार ने भी उसकी सुध ली.

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दरभंगा, बिहार की 16 साल की ज्योति कुमारी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलने पर बहुत बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं. ये शब्‍द हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के, उन्‍होंने 1200 किमी तक साइकिल चलाकर बीमार पिता को जिस तरह पिछली सीट पर बैठाकर ले गईं, वो काबिले तारीफ है. लॉकडाउन में ज्‍योति ने हरियाणा के सिकंदरपुर से बिहार दरभंगा तक का सफर तय किया.

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