कोटा को शिक्षा की नगरी कहा जाता है क्योंकि कोटा में कोचिंग संस्थानों में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज की तैयारी करने वाले छात्रों की भरमार रहती है. लेकिन कामयाबी पाने वाले ऐसे छात्रों की बड़ी तादाद है जो मानते हैं कि मंदिर की दीवार पर मनोकामनाएं लिखने से उन्हें सफलता मिल जाएगी. असल में कोटा में एक राधा कृष्ण मंदिर है, जहां बड़ी संख्या में छात्र रोज पूजा करने जाते हैं और मंदिर की दीवार पर अपनी मन्नत या मनोकामनाएं लिखते हैं.
शहर के तलवंडी में स्थित राधाकृष्ण मंदिर से कोचिंग स्टूडेंट्स की आस्था जुड़ी हुई है इस मंदिर में दर्शन करने से छात्रों की मनोकामनाएं पूरी होती है. कोचिंग छात्र यहां मंदिर की दीवार पर अपनी मनोकामनाएं विश लिखकर जाते हैं. मनोकामना पूरी होने पर ठाकुर जी को भेंट चढ़ाते हैं. अटूट आस्था के चलते मंदिर की दीवार को मान्यताओं की दीवार भी कहा जाता है. छात्र अपनी अलग अलग तरीके से मनोकामनाएं लिखते हैं.
मैं प्रधानमंत्री बन जाऊं... छात्र ने दीवार पर लिखी मनोकामना
कईं छात्र लिखते हैं मेरा जेईई मेंस मैं बढ़िया हो जाए, कईं अपने माता पिता को लेकर लिखते हैं तो कईं यहां तक भी लिख देते हैं कि मैं प्रधानमंत्री बन जाऊं. ऐसे भी छात्र हैं जो अपने प्रेम को लेकर भी लिखते हैं कि मुझे मेरी प्रेमिका मिल जाए. पर पूरे मंदिर की दीवार पर छात्रों की मनोकामनाएं से दीवार पूरी तरह रंग बिरंगी है. कोटा में पूरे देश से दूरदराज से आए छात्र छात्राएं अपनी मनोकामनाएं मंदिर की दीवार पर लिख भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हमारी मनोकामनाएं पूरी हो जाए. मंदिर के पुजारी का कहना है कि 80 परसेंट छात्रों की मनोकामनाएं पूरी भी होती हैं और बाद में छात्र यहां आते भी हैं और हमें बताते भी हैं.
मंदिर की दीवार पर लिखी मनोकामनाएं-
"NEET में डॉ श्रुति बनाने का सपना पूरा हो जाए भगवान"
"एक आना मंतन दोनों स्ट्रांग करो"
"हे भगवान सभी को सुख शांति प्राप्त हो"
"हमेशा मेरे साथ रहना कृष्ण भगवान, मामा के पास पैसे आ जाएं, मामा मेरे पैसे दे दे, मेरी जिंदगी बन जाए"
मंदिर के पुजारी ने बताया 80 परसेंट मनोकामनाएं होती हैं पूरी
मंदिर के पुजारी हुकम चंद का कहना है 26 साल पुराना यह मंदिर है मंदिर जब से बना है उसके 2 साल बाद से ही बच्चे मंदिर की दीवार पर अपनी मनोकामनाएं लिखते हैं. पूरी दीवारों पर बच्चे लिख जाते हैं. अपनी मनोकामनाएं हम हर साल दीपावली पर दीवारें साफ करवा देते हैं. फिर से बच्चे अपनी मनोकामनाएं लिखते हैं. लगभग 80 परसेंट उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पढ़ाई के बारे में बच्चे लिखते हैं और बच्चों की जब मनोकामनाएं पूरी हो जाती है तो बच्चे देखने भी आते हैं कि मैं लिखकर गया था. बच्चे आते हैं तो हमें भी बताते हैं कि हम लिख कर गए थे हमारी मनोकामनाएं पूरी हो गई. भगवान के प्रसादी चढ़ा कर जाते हैं माला पहना कर जाते हैं.
पुजारी ने आगे बताया कि बच्चे आईआईटी मेडिकल के बारे में लिखकर जाते हैं और जब अच्छे अंक प्राप्त करते हैं तो आकर हमें बताते भी हैं कि पंडित जी मैं यहां लिख कर गया था और मेरी मनोकामना पूरी हो गई, मैंने अच्छे अंक प्राप्त किए हैं. बच्चों के पेरेंट्स भी आते हैं, पर पेरेंट्स नहीं लिखते बच्चे ही लिखते हैं. शाम के समय बच्चे ज्यादा आते हैं और जब बच्चों की छुट्टी होती है उस दिन पूरे मंदिर में बच्चे ही बच्चे नजर आते हैं. एक बार जो भगवान के सामने आकर बैठ जाता है उसका मन मोहित हो जाता है.
विदेशी किताबों में भी मंदिर की दीवार का जिक्र
मंदिर प्रवक्ता रवि अग्रवाल ने बताया शुरू में मंदिर छोटा था पर धीरे-धीरे भक्तों के देने से बढ़ता गया. कई विदेशी पुस्तकों में भी इसका बारे में लिखा जा चुका है. छात्र मंदिर के पीछे दीवार पर जो भी अपना दुख दर्द और अपनी पढ़ाई के बारे में लिखते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस मंदिर के निर्माण में आम जनता का सहयोग रहा है.
बिहार से आकर कोटा में JEE mains 2024 की पढ़ाई कर रहे छात्र कनिस ने बताया, मैंने भगवान से इस दीवार पर लिखकर जेईई मेंस 2024 में एक रैंक मांगा है. मेरे एक फ्रेंड ने मुझे बताया कि यहां एक मंदिर है उसके पीछे एक दीवार है दीवार पर लिखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं तो आज मैं अपने दोस्त के साथ यहां आया और अपनी मनोकामनाएं लिखी. जून 2022 से मैं कोटा में हूं, कृष्ण जी कहते हैं नियंत्रण प्रयास करो फल की चिंता मत करो पढ़ाई को लेकर घर वालों की ओर से कोई प्रेशर नहीं होता और ना ही टीचर की ओर से. पर कभी-कभी होमवर्क ज्यादा हो या फिर पढ़ाई ज्यादा हो तो थोड़ा प्रेशर बढ़ जाता है.
कोटा में दूरदराज से हर साल ढाई लाख से ज्यादा कोचिंग छात्र पढ़ने आते हैं राधा कृष्ण मंदिर में सुबह-शाम छात्र छात्राओं भीड़ लगी रहती है. छात्र-छात्राएं आते हैं और अपनी मनोकामनाएं लिखते हैं, श्री कृष्ण भगवान के दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामनाएं मंदिर की दीवार पर लिखकर जाते हैं. रोज राधा कृष्ण मंदिर में 500 से 600 छात्र आते हैं.