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बर्ड फ्लू: तोता-कबूतर-गौरैया...जैसे रेजिडेंट पक्ष‍ियों से डरने की जरूरत नहीं, जानिए- क्‍या कहते हैं वैज्ञानिक

मानसी मिश्रा
  • 07 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST
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हिमाचल प्रदेश, मध्‍यप्रदेश व राजस्‍थान में बर्ड फ्लू की दस्‍तक से बेजुबान पंछ‍ियों को लोग खतरे और डर से देख रहे हैं. हरियाणा, गुजरात और केरल जैसे राज्यों में भी पक्ष‍ियों में इसके कई मामले रिकॉर्ड किए जा चुके हैं. aajtak.in से खास बातचीत में जीव वैज्ञानिक कह रहे हैं क‍ि हमें इस दौर में रेजिडेंट पक्ष‍ियों जैसे तोता, मैना, गौरैया या मुर्गे को लेकर क्‍या सोचना चाहिए. अगर घर में भी पालतू पक्षी है तो आपको क्‍या करना है.  

(मानसी मिश्रा की रिपोर्ट)

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जीव वैज्ञानिक फैयाज कुदसर ने कहा क‍ि डोमेस्‍ट‍िक पक्ष‍ियों से डरने की जरूरत नहीं है. अगर आप घर में तोता या मुर्गी पाल रहे हैं तो उनसे डरने की बजाय उनका अतिर‍िक्‍त ध्‍यान रखने की जरूरत है. इसके अलावा हरेक व्‍यक्‍ति‍ को बर्ड फ्लू के बारे कुछ खास बातें जरूर पता होनी चाहिए.

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इस वायरस को घर तक पहुंचना आसान नहीं है और डोमेस्‍ट‍िक में अभी तक भारत में कोई मामला नहीं है. मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान में पहली बार चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें स्‍थानी पक्षी मरे हैं जो क‍ि चौंकाने वाला है. इसमें वायरस स्‍ट्रेन की बात कही जा रही है जिसकी जांच होनी चाहिए. 

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उन्‍होंने कहा क‍ि ये वायरस अभी तक वाइल्‍ड गीज को ही श‍िकार बनाता रहा है, लेकिन जब रेजिडेंट पक्ष‍ियों के मरने की बात सामने आई है तो ऐसे में पालतू पक्ष‍ियों के मामले में अतिर‍िक्‍त सावधानी बरतनी चाहिए. 

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घर में या आसपास हैं पालतू पक्षी तो ये करें
अगर आपके घर में तोता कबूतर या कोई भी डोमेस्‍ट‍िक पक्षी है तो आपको उसके स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति सावधान होने की जरूरत है. आप ये देखें कि कहीं उसे उल्टी आने की शि‍कायत या उसकी लार अध‍िक पतली तो नहीं हुई है. 

 

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अगर आपके पक्षी में वायरल इनफ्लूएंजा के कोई भी लक्षण पाए जाते हैं तो आपको तत्‍काल उसे डॉक्‍टर को द‍िखाना चाहिए. इसके अलावा पक्ष‍ियों के रहने की जगह की देखरेख हाथों में ग्‍लव्‍स पहनकर ही करें. बच्‍चों को उनके ज्‍यादा संपर्क में लाने से बचें.

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डॉ फैयाज बताते हैं कि अभी तक ये संक्रमण पक्षी से पक्षी में होता रहा है. देश के अलग-अलग राज्यों में मरे पक्षियों में H5N8 और H5N1 वायरस मिले हैं. कुछ जगहों पर कौव्वों में H5N8 वाले वायरस मिले हैं ये वायरस काफी संक्रामक हैं.

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विशेषज्ञों के मुताबिक भले ही पक्षियों से इस वायरस के इंसानों में मिलने के कोई सबूत नहीं हैं. इसके  बावजूद सतर्क रहने की जरूरत तो है ही यह वायरस प्रवासी पक्षियों से फैलता है. भारत में इस वक्त प्रवासी पक्षी काफी तादाद में हैं. लेकिन एकाध राज्‍य की घटना छोड दें तो डोमेस्‍ट‍िक पक्षी अभी तक इसके निशाने पर नहीं हैं.

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WHO के अनुसार H5N1 वायरस काफी खतरनाक है. खास बात ये है कि इस वायरस के इंसानों में अभी कम ही केस मिलने की पुष्टि हुई है. लेकिन इंसानों से इंसानों में इस वायरस के ट्रांसमिशन की पुष्टि नहीं हुई है. इंसानों के इस वायरस की चपेट में आना जानलेवा होता है. इस वायरस से पीड़ित 60 फीसदी लोगों की मौत हो सकती है. जो कोरोना या किसी अन्‍य वायरस से कहीं ज्‍यादा घातक दर है.

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