रांची में नौ महीने बाद कई राज्य स्कूल खोलने की तैयारी में हैं, वहीं कई राज्यों ने दिसंबर के अंत तक स्कूल खोल दिए हैं. कोरोना पर सख्ती को लेकर हर राज्य ने अपने अपने नियम तय किए हैं. इसमें केंद्र सरकार ने हर राज्य को छूट दी थी कि वो अपने राज्य में स्थिति को देखते हुए कोरोना को लेकर नियम बना सकते हैं. इसी क्रम में झारखंड में 21 दिसंबर को स्कूल खुलने के बाद यहां कुछ स्कूलों द्वारा अभिभावकों से अनुमति के साथ-साथ एक हलफनामा भी लिया गया, आइए जानें इसके बारे में.
झारखंड में सरकारी और प्राइवेट, दोनों तरह के स्कूल नौ महीने बंद रहने के बाद सोमवार 21 दिसंबर से दोबारा खुल गए. कोरोना महामारी की वजह से मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही ये स्कूल बंद थे. हालांकि स्कूल खुलने के पहले दिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति महज 40% के आसपास रही.
स्कूल खुलने को लेकर अभिभावकों और विद्यार्थियों में अब भी कई तरह की आशंकाएं हैं. लेकिन सरकारी स्कूल खुलने पर पहले दिन जो विद्यार्थी पहुंचे, उनका एकसुर में कहना था कि ऑनलाइन पढ़ाई की जगह क्लासरूम में बैठ कर पढ़ना कहीं अधिक सुविधाजनक है. पूजा झा रांची के बालकृष्ण स्कूल में प्लस 2 कॉमर्स छात्रा है. पूजा का कहना है कि ऑनलाइन माध्यम कभी भी इंटरएक्टिव क्लास की जगह नहीं ले सकता, क्योंकि जो टीचर से फेस टू फेस क्लासरूम में संवाद हो सकता है वो ऑनलाइन नहीं हो सकता.
पूजा के ही सहपाठी कैफ खान भी क्लासरूम स्टडी को ही बेहतर मानते हैं. कैफ के मुताबिक कॉमर्स की पढ़ाई ऑनलाइन करना मुश्किल काम है.
स्कूल की प्रिंसिपल दिव्या सिंह ने कहा, “सरकारी स्कूल में अधिकतर कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों से बच्चे पढ़ने आते हैं. उनकी तकनीकी गैजेट्स तक अधिक पहुंच नहीं होती. बहुत से बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं होते और कई इंटरनेट का खर्च उठाने में समर्थ नहीं होते. ऐसे बच्चों के लिए स्कूल फिर खुलना वरदान जैसा है क्योंकि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं.”
बता दें कि स्कूल आने वाले बच्चों के अभिभावकों से हलफनामा भरवा कर लिए जा रहे हैं. इसमें उन्हें लिख कर देना पड़ रहा है कि पिछले तीन हफ्ते में परिवार में किसी को भी संक्रमण नहीं हुआ है. जो बच्चे हलफनामा लेकर स्कूल नहीं आए, उन्हें घर भेजा जा रहा है. अभिभावकों के दस्तखत वाला हलफनामा लेकर ही बच्चों को स्कूल में आने दिया जा रहा है.
प्रिंसिपल के मुताबिक स्कूल की साइंस लैब भी प्रैक्टीकल क्लासेज के लिए तैयार है. सभी एप्रेटस समेत लैब को पूरी तरह सैनेटाइज किया गया है. लेकिन लैब को बच्चों के लिए खोलने से पहले राज्य सरकार की अनुमति का इंतजार है. प्रिंसिपल ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही प्रैक्टीकल क्लासेज भी शुरू हो जाएंगी.