कोरोना की दूसरी लहर कमज़ोर पड़ने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने छोटे बच्चों की क्लास खोलने का फैसला ले लिया था. राज्य में 18 महीने बाद आज पहली से पांचवी तक के बच्चों के स्कूल खुले थे. पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को 50 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल में बुलाया गया. यहां तस्वीरों में देखिए कि किस तरह पहले दिन स्कूलों में बच्चे मास्क लगाकर पहुंचे. यहां सिटिंग अरेंजमेंट से लेकर बच्चों के लिए स्कूल ने तमाम तैयारियां की थीं, तस्वीरों में देखें.
( फोटो- aajtak.in)
यहां भी स्कूल आने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य की गई है. बिना माता-पिता की लिखित सहमति के बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. पहले दिन शिक्षकों ने बच्चों का चॉकलेट और फूल से स्वागत किया. बच्चों को पेंसिल और रबर भी दिए गए. बच्चे क्लास में एक दूसरे से दूर बैठे दिखे. इसके लिए हर शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है. बच्चों को बोतल और टिफिन एक दूसरे से साझा ना करने की हिदायत दी गई है.
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आपको बता दें कोरोना की दूसरी लहर के कम होने के बाद मध्य प्रदेश में तीन चरणों में स्कूल खोले गए हैं. सबसे पहले 26 जुलाई को 10वीं और 12वीं की कक्षाएं 2 दिन खोलने का निर्णय लिया गया था. उसके बाद 5 अगस्त से 9वीं और 11वीं की कक्षाएं सप्ताह में 2 दिन खोली गईं. 1 सितंबर को छठवीं से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं शुरू की गई थीं.
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सरकार की ओर से स्कूलों के संचालन के लिए जो अनिवार्य बिंदु निर्धारित किए गए हैं, उनमें स्कूल के पूरे स्टाफ को कोरोना टीके की कम से कम एक डोज लगी होना आवश्यक है. स्कूल में क्लास लगने के लिए जो दिन निर्धारित किए गए हैं उसके अलावा बाकी के दिनों में ऑनलाइन क्लास पहले की तरह लगती रहेंगी.
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बता दें कि मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 1 सितंबर से कक्षा 6 से 12 तक 50% विद्यार्थियों की उपस्थिति में शुरू किए जा चुके हैं. इसमें अभिभावकों की सहमति और कोविड-19 की गाइडलाइन का सख्त पालन करना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा स्कूलों को सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना होगा.
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हल्के लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति को स्कूलों में प्रवेश करने पर पाबंदी होगी. इसके अलावा स्कूलों के एंट्री गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी. राज्य में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों कक्षाएं जारी रहेंगी और किसी भी छात्र को शारीरिक कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
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बता दें कि कोरोना काल के करीब 18 महीने बाद पहली बार आज छोटे बच्चों के स्कूल खोले गए. सरकार की ओर से स्कूलों को मिली गाइडलाइन के अनुसार ऑफलाइन के साथ साथ पूर्ववत ऑनलाइन क्लासेज भी जारी रहेंगी. स्कूल किसी भी अभिभावक से बच्चों को स्कूल भेजने का दबाव नहीं बना सकते. सिर्फ अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही स्कूल बच्चों को प्रवेश देने को बाध्य होंगे.
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