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अंतरिक्ष में पैकिंग, अनडॉकिंग, लैंडिंग, डॉल्फिन वेलकम, हैंड वेविंग और ग्रैविटी टच... सुनीता विलियम्स की वापसी के हाई मोमेंट्स

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST
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सुनीता विलियम्स नौ महीने अंतरिक्ष में फंसे रहने के बाद 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सुरक्षित वापस लौट आईं. ये वापसी भारतीय समय के मुताबिक सुबह तीन बजकर सत्ताइस मिनट पर हुई. यह एक ऐतिहासिक पल है जो नासा और स्पेसएक्स की टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है.

(Image: Reuters)
 

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फ्लोरिडा के समंदर में सुनीता का ड्रैगन कैप्सूल उतरा. कैप्सूल से जब सुनीता बाहर निकलीं तो उनके चेहरे पर खुशी और घर वापसी का संतोष भाव था. समुद्र में स्पलैशडाउन से पहले नासा के अन्य कर्मचारी बोट से अंतरिक्ष यात्रियों को समुद्र में लेने पहुंचे थे. पैराशूट की मदद से स्पेस एक्स के ड्रैगन ने लैंडिंग की. 

(Image: Reuters)
 

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स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल आज तड़के 3.27 बजे फ्लोरिडा के तट पर  स्प्लैशडाउन हुआ. इसके बाद वहां पहले से मौजूद सेफ्टी टीम ने रिकवरी शिप के जरिए एक-एक कर चारों अंतरिक्षयात्रियो को यान से बाहर निकाला. इस दौरान सबसे पहले क्रू-9 मिशन के कैप्टन निक हेग, रूस के अंतरिक्षयात्री एलेक्जेंडर गोर्बुनोव, सुनीता विलियम्स और आखिर में बुच विल्मर बाहर आए. बाहर निकलते ही सुनीता विलियम्स ने सबको Hi किया.

(Image: AP)

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स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेस क्राफ्ट में सवार होने के लिए सबसे पहले अंतरिक्षयात्रियों ने प्रेशर सूट पहनें. हैच बंद किया गया और फिर हर तरह के लीकेज की जांच की गई. इसके बाद अनडॉकिंग की प्रक्रिया शुरू हुई फिर स्पेसक्राफ्ट में डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ. यह बर्न बुधवार तड़के लगभग 2.41 बजे हुआ. इसके तहत इंजन को फायर किया गया. इससे स्पेसक्राफ्ट धरती के और करीब पहुंचा.

(Image: Reuters)
 

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अनडॉकिंग से पहले स्पेसक्राफ्ट के अंदर लाइफ सपोर्ट सिस्टम, कम्युनिकेशन और थ्रस्टर सिस्टम की वर्किंग चेक किया गया. दूसरे चरण में स्पेसक्राफ्ट का लॉक खोला गया. इसमें स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जोड़ने वाले जोड़ खोले जाते हैं. तीसरे चरण में अनडॉकिंग सिस्टम खुलने के बाद थ्रस्टर से स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस से अलग किया गया.

(Image: Reuters)
 

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थ्रस्टर दरअसल स्पेसक्राफ्ट की स्पीड और उसकी डायरेक्शन कंट्रोल करते हैं. चौथे चरण में अनडॉकिंग के बाद स्पेसक्राफ्ट की मॉनिटरिंग की गई. आखिरी चरण में स्पेसक्राफ्ट पूरी तरह से आईएसएस से अलग होकर धरती के सफर पर निकल पड़ा. 
 

(Images: Reuters)

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इसके बाद धरती की 18 हजार फीट की ऊंचाई पर सबसे पहले दो ड्रैगन पैराशूट खुले और उसके बाद 6000 फीट की ऊंचाई पर मेन पैराशूट ओपन हुआ, जिससे ड्रैगन की पानी में कम स्पीड से लैंडिंग हुई.
 

(Image: AP)

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स्पलैशडाउन पैराशूट के जरिए पहले कैप्सूल की समुद्र में लैंडिंग कराई गई और फिर 10 मिनट तक इंतजार किया. सिक्योरिटी चेक के बाद ही कैप्सूल को खोला जाता है. अगर इसे तुरंत खोल दिया तो अंदर और बाहर का तापमान अलग होने की वजह से गड़बड़ हो सकती है. इसलिए तापमान सामान्य होने तक सभी यात्री अंदर ही थे.
 

(Image: Reuters)

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इसके बाद क्रू ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाले गए और उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया, ये उनकी शुरुआती मेडिकल जांच का हिस्सा है. अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर पर असर होता है. कमजोर मांसपेशियों की वजह से चल नहीं पाने के चलते एस्ट्रोनॉट को स्ट्रेचर पर ले जाने का प्रोटोकॉल है. यह पहला पल था जब सुनीता विलियम और उनके साथियों ने 9 महीने बाद ग्रैविटी को महसूस किया है.
 

(Image: Reuters)

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जिस समय ये ड्रैगन कैप्सूल समुद्र में लैंड हुआ उस समय का नजारा भी देखने वाला था. बीच समुद्र में ड्रैगन कैप्सूल के लैंड होते ही NASA का दल स्पीड बोट्स की मदद से उस कैप्सूल तक पहुंचे. जब NASA का दल ड्रैगन कैप्सूल के पास पहुंचा तो उस दौरान समुद्र में डॉल्फिन का एक झुंड भी सुनीता विलियम्स के स्वागत में वहां मौजूद था. 
 

(Image: Reuters)

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खास बात ये रही कि डॉल्फिन्स का झुंड ड्रैगन कैप्सूल के आसपास ही काफी देर तर घूमता रहा है, ऐसा लगा कि ये डॉल्फिन्स भी समुद्र से बार-बार बाहर निकलकर क्रू-9 के तमाम सदस्यों का स्वागत कर रहा है.  
 

(Image: AP)

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सुनीता और बुच को फिलहाल ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया गया है. सेंटर में दोनों एस्ट्रोनॉट कुछ दिनों तक स्वास्थ्य जांच के लिए रहेंगे. घर जाने से पहले नासा के डॉक्टर सभी की हेल्थ पर नजर रखते हैं. अगले कुछ दिन में दोनों को घर जाने की इजाजत दी जा सकती है.
 

(Image: AP)

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ISS में अंतरिक्ष यात्री माइक्रोग्रैविटी में तैरते हैं, जो उनके शरीर पर असर डालता है. पृथ्वी पर हमारे शरीर को हमेशा गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ काम करना पड़ता है, जिससे हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को लगातार व्यायाम मिलता है. लेकिन अंतरिक्ष में इस प्रतिरोध के बिना, मांसपेशियों की ताकत और हड्डियों का घनत्व घटने लगता है, क्योंकि शरीर को अपना वजन सहने की आवश्यकता नहीं होती. 

(Image: AFP)

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मेडिकल जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद, दोनों अंतरिक्ष यात्री मिशन के दौरान अपने अनुभव, चुनौतियां और उपलब्धियों के बारे में बात करेंगे. इसके बाद उन्हें अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का अवसर मिलेगा. 

(Image: AP)

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नासा के अनुसार, सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने 900 घंटे का शोध पूरा किया. उन्होंने 150 से अधिक प्रयोग किए और एक नया रिकॉर्ड बनाया - अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला का. उन्होंने स्पेस स्टेशन के बाहर 62 घंटे और 9 मिनट बिताए. यानी 9 बार स्पेसवॉक किया.
 

(Image: AP)

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बता दें कि सुनीता विलियम्स समेत उनके साथी जून 2024 में स्टारलाइनर स्पेस क्रॉफ्ट के ज़रिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे. स्टारलाइनर में आई ख़राबी की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी अटक गई थी. उड़ान के दौरान जब यह यान आईएसएस के क़रीब पहुंचा तो उसमें कई खराबी पैदा हो गई थीं.

(Image: Reuters)

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इसके साथ ही इस यान का हीलियम भी ख़त्म हो गया था. इससे दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी की योजना अटक गई थी. यान में ख़राबी का यह सिलसिला जारी रहा और फिर अब 9 महीने बाद साइंटिस्ट की वापसी सफल हो पाई है.
 

(Image: AP)

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