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एजुकेशन न्यूज़

40 की उम्र के बाद ये हेल्थ टेस्ट जरूरी, ऐसे रखें अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान

मानसी मिश्रा
  • नई द‍िल्ली ,
  • 27 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST
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क्या आप 40 की उम्र के पड़ाव पर आ गई हैं. अगर हां, तो ये जानकारी आपके लिए ही है. 40 की उम्र महिलाओं के लिए बहुत नाजुक पड़ाव होता है. ये ही वो वक्त होता है जब आपको आगे की जिंदगी के लिए पूरी तरह सचेत होना होगा. आइए डॉक्टर से जानते हैं कि 40 के बाद कैसे अपना हेल्थ प्लान मेंटेन करना है. कैसे अपने मेंटल हेल्थ का भी आपको ध्यान देना होगा. यहां पढ़‍िए डॉक्टर की सलाह... 

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लेडी हार्ड‍िंग मेडिकल कॉलेज की स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू पुरी कहती हैं कि 40 की उम्र से ही महिलाओं में हार्मोन से लेकर मांसपेश‍ियों तक बदलाव होता है.  डॉक्टर पुरी कहती हैं कि इस उम्र में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपना वेट कंट्रोल रखें. इस उम्र में हार्मोनल चेंज आते हैं, साथ ही पेट के आसपास चर्बी बढ़ने लगती है. इसलिए जरूरी है कि अपना वजन नियंत्र‍ित रखें. 

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शुगर और लिप‍िड टेस्ट जरूरी 

डॉ पुरी कहती हैं कि 40 की उम्र से ही एज रिलेटेड शुगर के खतरे बढ़ने लगते हैं. 45 की उम्र के बाद महिलाओं में शुगर का खतरा और ज्यादा होता है. इसलिए 40 की उम्र से ही इसके लगातार टेस्ट कराते रहने चाहिए. इसके साथ ही इस उम्र से ही लिपिड्स में हेर फेर शुरू होता है. इस उम्र में हार्मफुल लिपिड्स बढ़ने लगते हैं और अच्छे कम होते हैं, इसलिए लिप‍िड टेस्ट भी कराते रहें. 

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मेमोग्राफी- पेप स्म‍ियर टेस्ट कराते रहें 

40 की उम्र से कैंसर वगैरह के खतरे भी बढ़ते हैं. इसलिए और यूट्रस और ब्रेस्ट ओवरी का कैंसर को लेकर बहुत जागरूक हो जाना चाहिए. महिलाओं को समय समय पर मेमोग्राफी करानी चाहिए. वहीं इस बच्चेदानी के मुंह का कैंसर न हो, इससे बचाव के लिए हर तीन साल में पेप स्म‍ियर टेस्ट कराना चाहिए. 

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साधारण लक्षणों पर भी सजग हों 

कई बार महिलाएं इस उम्र में खुद के प्रत‍ि सजग नहीं हो पातीं. लेकिन कुछ लक्षण जैसे महावारी ज्यादा आनी शुरू हो जाए तो ये यूट्रस का कैंसर भी हो सकता है,  इसके लिए जांच जल्दी करानी चाहिए. इसके अलावा जनरल सिंप्टम पर भी नजर रखनी चाहिए.  जैसे अगर पेट फूल रहा है या भूख डिस्टर्ब है तो ऐसे में खास ध्यान रखना चाहिए ये ओवरी से संबंध‍ित गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. 

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विटामिन डी टेस्ट भी जरूरी 

महिलाओं में अक्सर मेनापॉज के बाद हड्ड‍ियां कमजोर हो जाती हैं, इसलिए विटामिन डी टेस्ट जरूर कराना चाहिए. इसके अलावा कैल्श‍ियम लेना भी शुरू कर देना चाहिए. खानपान भी इस तरह का रखना चाहिए कि शरीर में विटामिंस और कैल्श‍ियम-आयरन का संतुलन बना रहे. 

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डॉ पुरी कहती हैं कि जिस तरह कोई पुरानी कार थोड़ी ऑयलिंग और देखरेख ज्यादा मांगती है, ठीक इसी तरह हमें अपनी बढ़ती उम्र के साथ ही अपनी केयर बढ़ा देनी चाहिए. हमें खुद से ज्यादा प्यार करना चाहिए. अगर हम 
मांसपेश‍ियां और ज्वाइंट्स को स्ट्रांग नहीं करेंगे तो शरीर तेजी से कमजोर हो जाएगा. इसलिए ऐसी एक्सरसाइज करें जो मसल्स को मजबूत करें. 

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मेंटल हेल्थ का भी रखें ध्यान 

इस उम्र से शुरू होकर 45 साल तक  महिलाओं में पीरिएड्स में असामान्यता आने लगती है. इसलिए महिलाओं में मूड स्विंग, हल्का फुल्का डिप्रेशन और एंजाइटी के लक्षण आने लगते हैं. फ‍िर कई मरीजों में देखा गया है कि 45 की उम्र के बाद ये ज्यादा प्रोमिनेंट हो जाते हैं. इसलिए महिलाओं को अपनी मेंटल हेल्थ के लिए स्प्र‍िचुअल दिशा में या अपनी हॉबी की तरफ मुड़ना चाहिए. साथ ही अपनी नींद और जागने का टाइम सुधारना चाहिए. 

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