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एजुकेशन न्यूज़

एक्यूट लिवर इंजरी: कोरोना ने बढ़ाईं लिवर की द‍िक्कतें, 4 में से 3 मरीजों का SGPT-SGOT बढ़ा

मानसी मिश्रा
  • नई द‍िल्ली ,
  • 12 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST
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कोरोना नेगेट‍िव होने के बाद मरीजों में  कमजोरी, आलस्य, लो एनर्जी लेवल जैसे लक्षण तो द‍िखते ही हैं. लेकिन उनमें भूख की कमी भी हो जाती है. कोविड इंफेक्शन से सोड‍ियम लेवल कम हो जाता है, जिससे हाई या लो ब्लड प्रेशर की समस्या होती है. लेकिन आंकड़ों के अनुसार 5 से चार मरीज जो पहले से लिवर डिजीज से ग्रस्त हैं उनमें एक्यूट लिवर इंजरी के गंभीर खतरे होते हैं. जानिए क्या है एक्यूट लिवर इंजरी और पोस्ट कोविड लिवर समस्याओं पर एक्सपर्ट पद्मभूषण डॉ एसके सरीन की राय. 

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डॉ एसके सरीन ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि पोस्ट कोरोना मरीजों में एक्यूट लिवर इंजरी (ALI) की समस्या देखी गई. चार में से तीन कोविड मरीजों का SGPT-SGOT बढ़ा पाया गया. कई मरीजों में ज्वाइंड‍िस (पीलिया) की समस्या देखी गई. ये लिवर इंजरी कोरोना के इलाज के दौरान दी गई रेमडेसिविर या अन्य स्टेरॉयड्स के कारण ज्यादा देखी गई. मरीजों को गंभीर रूप से हाइपोक्स‍िया भी देखा गया जिसमें ऑक्सीजन लेवल अचानक गिर जाता है. 

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डॉ सरीन कहते हैं कि ज‍िन लोगों में फैटी लिवर या ओबेसिटी है या जिनका बीएमआई रेट 25 से ज्यादा होता है, उनमें कोविड के दौरान ल‍िवर इंजरी की समस्या ज्यादा होती है. दुनिया भर से आ रहे  कोविड की रिपोर्ट से मिले आंकड़ों में पाया गया है, कोविड इंफेक्शन के कारण बहुत से लोगों में लिवर फेल होने के केस भी देखे गए. जिन्हें पहले से ही लिवर की बीमारियां हैं, उनको कोविड ने और भी गंभीर रूप से बीमार किया है. 

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डॉ सरीन कहते हैं कि ज‍िस तरह थर्ड वेव की आशंका जताई जा रही है, ऐसे में मरीजों को अपनी फिटनेस के लिए सबसे ज्यादा जरूरी अंग अपने लिवर का बहुत ध्यान रखना चाहिए. लिवर के लिए आपको अच्छी हेल्दी डाइट के साथ एक्सरसाइज को रूटीन में जरूर शामिल करना चाहिए. कोविड के दौरान ज्यादातर लोग घर से बैठकर काम कर रहे हैं, ऐसे में उनके खानपान की आदतें काफी प्रभावित हुई हैं.

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इस तरह अगर लिवर की एडवांस डिजीज से जूझ रहे लोगों का आंकड़ा देखें तो एडवांस डिजीज से जूझ रहे 40 से 50 पर्सेंट मरीजों की कोरोना से जान गई है. डॉ सरीन कहते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए लिवर का फिट होना बहुत जरूरी है. ऐसे लोग जिनमें मोटापा की बीमारी है या एल्कोहल लेने के आदी हैं या हाई बीपी की समस्या है तो उन्हें अपना डी डाइमर टेस्ट जरूर कराना चाहिए. 

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डॉ सरीन सलाह देती हैं कि अगर आपने भी कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपना वजन बढ़ा लिया है तो इसे तत्काल नियंत्रण में लाने में जुट जाना चाहिए. ज्यादा वजन बढ़ना अच्छी नहीं बल्क‍ि खराब सेहत का संकेत भी हो सकता है. कोरोना से आपका लिवर प्रभ‍ावित न हो इसके लिए आपको अपने लिवर का इस दौरान बहुत ख्याल रखना है, लिवर अच्छा होने से कई तरह की बीम‍ारियां पहले ही दूर हो जाती हैं. 

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चीन के आंकड़ों का हवाला देते हुए डॉ सरीन बताते हैं कि चीन में क्रोनिक वायरल हेपेटाइटिस, सिरोसिस, फैटी लीवर, अल्कोहलिक लीवर रोग या अन्य लीवर रोगों के लगभग 300 मिलियन रोगी हैं. इसलिए, विभिन्न COVID-19 रोगियों में एक्यूट लिवर डिजीज और लिवर इंजरी की स्थिति के प्रभाव का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाना चाहिए. पहले से लिवर बीमारियों से जूझ रहे लोग जब SARS-CoV-2 से संक्रमित होते हैं, तो उनका लीवर और अध‍िक खराब हो जाता है.

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कोरोना मरीजों के ठीक होने के बाद उनमें  SGPT यानी Serum Glutamate Pyruvate Transaminase बढ़ा होता है. यह टेस्ट खून में GPT की मात्रा व अलैनिन एमिनोट्रांस्फरेज की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है. बता दें कि GPT एक ऐसा एंजाइम है जिसकी सबसे ज्यादा मात्रा हमारे लिवर में पाई जाती है, इसकी अध‍िकता लिवर की खराबी को बताती है. वहीं लिवर की बीमारी का पता लगाने के लिए इस टेस्ट के साथ SGOT का टेस्ट भी किया जाता है. 

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