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एजुकेशन न्यूज़

क्‍या होता है ऑब्‍जेक्‍ट‍िव क्राइ‍टेरिया प्रोसेस, जिससे पास होंगे CBSE 10वीं के छात्र

मानसी मिश्रा
  • नई द‍िल्‍ली,
  • 14 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 8:32 AM IST
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सरकार ने सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षा कैंसिल करने और 12वीं की परीक्षा आगे टालने का फैसला ले लिया है. इस बीच सीबीएसई बोर्ड ने कहा है कि बोर्ड 10वीं के छात्रों को पास करने के लिए ऑब्‍जेक्‍ट‍िव क्राइ‍टेरिया खुद विकस‍ित करेगा. आइए जानते हैं क्‍या होता है ऑब्‍जेक्‍ट‍िव क्राइटेरिया प्रोसेस जिसके जरिये तय होती हैं क्षमताएं. कैसे सीबीएसई इसका इस्‍तेमाल करके CBSE 10वीं के छात्रों को नंबर दे सकता है. विस्‍तार से जानिए...

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कोरोना की दूसरी लहर ने न सिर्फ भारत बल्‍क‍ि दुनिया के कई देशों में तबाही मचा रखी है. इंग्‍लैंड ने भी कोरोना के मद्देनजर इस साल सालाना ऑफलाइन एग्‍जाम कैंसिल कर दिए थे. वहां भी स्‍टूडेंट्स के असेसमेंट के लिए सरकार ने श‍िक्षा विभाग से एक प्रोसेस डेवलप करने को कहा गया था, जिसके जरिये वहां टीचर्स ने बच्‍चों को प्रोजेक्‍ट और दूसरे तरीकों से बच्‍चों का मूल्‍यांकन करके उनका रिजल्‍ट तैयार किया.

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इसी तर्ज पर सीबीएसई भी अपना ऑ‍ब्‍जेक्‍ट‍िव क्राइटेरिया तैयार करेगा. ऑब्‍जेक्‍ट‍िव क्राइटेरिया अक्‍सर कई प्‍वाइंट्स के जरिये छात्रों के मूल्‍यांकन की विध‍ि है. इसमें शैक्षिक संगठन इस बात का असेसमेंट करते हैं कि छात्रों ने पूरे साल क्‍या सीखा, उस आधार पर उनके परिणामों की उपलब्धि का दस्तावेज़ कैसे तैयार होगा. 

 

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सीबीएसई ने इस पर कहा है क‍ि बहुत जल्‍द सीबीएसई दसवीं के छात्रों के मूल्‍यांकन के लिए ऑब्‍जेक्‍ट‍िव क्राइटेरिया तैयार करेगा. अगर लास्‍ट ईयर की बात करें तो छात्रों को उनके पूरे साल के प्रदर्शन के आधार पर आगे प्रमोट किया गया था. लेकिन कहा जा रहा है कि इस साल ये तरीका पहले से अलग होगा. 

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बता दें कि ऑब्‍जेक्‍ट‍िव क्राइटेरिया कुछ इस तरह से तैयार होगा जिससे छात्रों का पूरी तरह इनसाइट असेसमेंट किया जा सके. इस प्रोसेस के जरिये बोर्ड एक या एक से अधिक टूल्‍स का इस्‍तेमाल करके छात्रों का स्‍टेप बाइ स्‍टेप मूल्‍यांकन कर सकता है. इसमें प्रभावी मूल्यांकन के लिए छात्रों के कौशल और बीते साल जो सीखा है उसे परिणाम निकालने के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है. 

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दसवीं की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला कई राज्यों के मुख्यमंत्री और बच्चों के पैरेंट्स की लगातार उठाई गई मांगों को लेकर किया. अभ‍िभावकों और छात्रों में डर था कि अगर बच्चे परीक्षा हॉल में एक साथ बैठेंगे तो कोरोना की चपेट में आ सकते हैं. बैठक के बाद शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर परीक्षाओं के संबंध में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी.

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सरकार ने परीक्षा भले ही कैंसिल कर दी है, लेकिन अब सीबीएसई बोर्ड के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि किस तरह 10वीं के छात्रों का असेसमेंट किया जाएगा. बिना ऑनलाइन या ऑफलाइन एग्‍जाम के किस तरह इनके रिजल्‍ट तैयार होंगे. क्‍या बोर्ड की ओर से डेवलेप किए जा रहे ऑब्‍जेक्‍ट‍िव क्राइटेरिया के जरिये छात्रों का सही असेसमेंट हो सकेगा. सीबीएसई जल्‍द इस पर जवाब देगी.

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