दिशा रवि का नाम किसान आंदोलन को लेकर चर्चा में है. दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि पर देशद्रोह, हिंसा के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश रचने के मामले में केस दर्ज किया है. उन पर टूलकिट तैयार करने में सहयोग का आरोप है. आइए जानते हैं 22 साल की इस छात्रा के बारे में खास बातें...
बता दें कि दिशा बेंगलुरु के माउंट कार्मेल स्कूल से ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी हैं. अब 22 साल की उम्र में वो क्लाइमेट एक्टिविस्ट के तौर पर अपनी एक पहचान बना चुकी हैं. वो क्लाइमेट एक्टिविस्ट के ग्रुप फ्राइडेज फॉर फ्यूचर की सदस्य हैं. वर्तमान में वह गुड माइल्क कंपनी के साथ जुड़ी हुई हैं.
बता दें कि यह ग्रुप साल 2018 में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने बनाया था. फिर साल 2019 में दिशा रवि ने इस संगठन की भारतीय विंग शुरू करके इससे लोगों को जोड़कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं. वह भारत में इस ग्रुप की हेड हैं. वो क्लाइमेट चेंज पर कई लेखों के जरिये अपनी एक पुख्ता पहचान बना चुकी हैं.
बता दें कि बीते दिनों 26 जनवरी को किसान आंदोलन में हुई हिंसा के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा काफी जोर पकड़ चुका था. इसे लेकर लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों ने ट्वीट के जरिये समर्थन जताया. इसी कड़ी में ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट में टूल किट का जिक्र किया था.
पुलिस का आरोप है कि इस टूल किट में किसान आंदोलन को लेकर एक एक्शन प्लान का जिक्र किया गया था कि कैसे इसके लिए माहौल बनाया जाएगा और सोशल मीडिया पर परसेप्शन बदलने की कोशिश होगी. इस टूलकिट को लेकर आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर से कहा था कि इससे जाहिर है कि भारत से बाहर किसान आंदोलन को लेकर भ्रम फैलाने की स्ट्रेटजी बनी थी. वहीं दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट में बताया कि दिशा रवि ने वॉट्सएप ग्रुप के जरिये टूलकिट बनाने में कोऑर्डिनेशन किया था.
दिशा के पिता मैसूर में एथलेटिक्स कोच हैं और मां गृहणी हैं. दिशा रवि ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके दादा-दादी किसान थे और अब भी किसान क्लाइमेट चेंज के असर से जूझ रहे हैं. यहीं से उन्हें इस पर काम करने की प्रेरणा मिली.
बता दें कि दिशा की गिरफ्तारी के बाद से देश-विदेश से कई लोग उनके समर्थन में सामने आए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई लोग इस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं.