Advertisement

कानपुर पोस्ट ऑफिस की बड़ी लापरवाही से 200 छात्रों का भविष्य खतरे में! पोस्ट ऑफिस से गायब हुईं कॉपियां

औरैया के दिबियापुर डिग्री कॉलेज में 200 छात्रों के एग्जाम हुए थे जिसके बाद कॉपियों को पोस्ट ऑफिस के माध्यम से कानपुर यूनिवर्सिटी भेजा गया था. करीब 3 महीने बीत जाने के बाद भी सभी कॉपियां यूनिवर्सिटी तक नहीं पहुंची. जांच में पता चला कि 200 छात्रों की कॉपियां कानपुर पोस्ट ऑफिस से गायब हो गई हैं.

Kanpur post office Kanpur post office
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 26 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST
  • 3 अप्रैल को भेजी गई थीं 200 छात्रों की कॉपियां
  • तीन महीने बाद भी कानपुर यूनिवर्सिटी नहीं पहुंची

सरकार डाक विभाग के कर्मचारियों को इसलिए रखती है कि वह देश की जनता का संदेश, सामग्री पूरी जिम्मेदारी और सावधानी से सही समय पर सही स्थान पर पहुंचा देंगे लेकिन कानपुर पोस्ट ऑफिस से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां कानपुर पोस्ट ऑफिस की लापरवाही ने 200 छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है. 200 छात्रों की परीक्षा कॉपियां तीन महीने बाद भी कानपुर की सीएसजीएम यूनिवर्सिटी नहीं पहुंची.

Advertisement

यह मामला औरैया के दिबियापुर डिग्री कॉलेज का है, जहां 200 छात्रों ने दिव्यापुर में यूनिवर्सिटी की परीक्षा दी थी जिनकी परीक्षा कॉपियां 3 अप्रैल को दिबियापुर से पोस्ट ऑफिस द्वारा कानपुर यूनिवर्सिटी को भेजी गई थीं. यह कॉपियां तीन महीने बाद भी कानपुर पोस्ट ऑफिस मुख्यालय से यूनिवर्सिटी तक नहीं पहुंची. इससे 200 छात्रों के उसी सब्जेक्ट का रिजल्ट खतरे में पड़ गया है. एक साथ इतने छात्रों की कॉपियां सेंटर से ना पहुंचने पर कानपुर यूनिवर्सिटी ने जांच शुरू की तो पता चला कि गड़बड़ी पोस्ट ऑफिस विभाग की है.

जांच में पता चला कि कॉपियां स्कूल से चली लेकिन पोस्ट ऑफिस से ही गायब हो गई जबकि इसकी जिम्मेदारी पोस्ट ऑफिस की होती है. कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति विनय पाठक का कहना है कि हमारे 200 छात्रों के भविष्य मामला है इसलिए मैंने इसकी शिकायत पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों से की है, जहां तक छात्रों के भविष्य का सवाल उसके लिए छात्रों की गलती नहीं है, इसलिए हम उनके लिए कोई दूसरा रास्ता निकाल रहे हैं.

Advertisement

वहीं इस मामले पर जब कानपुर पोस्ट ऑफिस मुख्यालय के डीजी से बात की गई तो उनका कहना था कानपुर  के सुपरीटेंडेंट मनोज श्रीवास्तव हैं, वही कुछ इसमें बताएंगे, वही जांच कर रहे हैं, उनको जांच करने को कहा गया है जबकि कानपुर के सुपरिटेंडेंट मनोज श्रीवास्तव को कई बार फोन किया गया उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज भी किया गया लेकिन न उनका फोन रिसीव हुआ ना मैसेज का जवाब आया. अब सवाल यह कि 200 छात्रों के भविष्य की जिम्मेदारी कौन लेगा? इस पूरे मामले में अभी तक मुख्यालय में तैनात दो बाबुओ पवन नंदी और भगवती प्रसाद को सस्पेंड किया गया है लेकिन कानपुर डाक विभाग के अधिकारियों का रवैया किसी बड़ी कार्रवाई की ओर इशारा नहीं करता.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement