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कानपुर: फर्जी इंस्टाग्राम ID बनाकर मेडिकल कॉलेज के सीनियर्स ने की रैगिंग, 6 महीने के लिए 8 स्टूडेंट सस्पेंड

कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल में रैगिंग के आरोप में आठ सीनियर छात्रों को छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है. उन्हें सेमेस्टर परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया है और फर्जी कॉल और सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए जूनियर छात्रों को परेशान करने के आरोप में प्रत्येक आरोपी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
सिमर चावला
  • कानपुर,
  • 07 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST

कानपुर के एक मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है. गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के आठ सीनियर्स स्टूडेंट्स को जूनियर स्टूडेंट्स की रैगिंग करने के मामले में छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. आरोपी छात्रों पर को सेमेस्टर परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया है और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

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मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि आठ छात्रों के साथ रैगिंग की शिकायत मिली थी. इस मामले की जानकारी शासन और रैगिंग सेल को दे दी गई है. सभी आरोपी छात्र छह महीने तक मेडिकल कॉलेज में नहीं घुस पाएंगे. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले की जांच की और तथ्य मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर की रैगिंग
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सीनियर छात्रों ने फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर जूनियर छात्रों को मैसेज भेजकर रैगिंग की. फैकल्टी सदस्यों के साथ हॉस्टल जाकर छात्रों के इंस्टाग्राम चैट का स्क्रीन शॉट और फोन कॉल की डिटेल ली गई थी. इन छात्रों ने फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर अलग-अलग स्थानों से मैसेज और फोन कॉल किए थे.

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने कहा, "साइबर सेल की जांच में पता चला है कि इन छात्रों ने फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाई थी. उन्होंने जूनियर छात्रों को मैसेज भेजे और रैगिंग की." सीसीटीवी फुटेज से सीनियर छात्रों की करतूतों का खुलासा हुआ. आरोपी छात्रों ने रैगिंग के लिए माफी मांगी है.

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6 महीने सस्पेंड के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना
कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल में रैगिंग के आरोप में आठ सीनियर छात्रों को छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है. उन्हें सेमेस्टर परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया है और फर्जी कॉल और सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए जूनियर छात्रों को परेशान करने के आरोप में प्रत्येक आरोपी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

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