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कोटा में बीते 17 दिन में 6 सुसाइड के बाद छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव को दूर करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक नई पहल शुरू की है. 'कामयाब कोटा' अभियान के तहत जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने लैंडमार्क सिटी स्थित एक गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के साथ डिनर करते हुए संवाद किया. इस संवाद के दौरान कलेक्टर ने छात्राओं से उनकी पढ़ाई, मानसिक तनाव, और अन्य समस्याओं पर खुलकर बात की. छात्राओं ने पढ़ाई में आने वाली दिक्कतों और तनाव से निपटने के उपायों पर सवाल किए, जिनका कलेक्टर ने न केवल समाधान दिया बल्कि गीता के श्रीकृष्ण-अर्जुन संवाद का उदाहरण देकर प्रेरित भी किया.
'डिनर विद कलेक्टर' कार्यक्रम ने छात्राओं को न केवल प्रेरित किया बल्कि उनके तनाव और समस्याओं को समझने का मंच भी दिया. कलेक्टर डॉ. गोस्वामी ने छात्रों को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन उनकी हर संभव मदद के लिए तत्पर है.
सफलता के मंत्र दिए
डॉ. गोस्वामी ने कहा, "इम्तिहान जीवन का हिस्सा है, पूरा जीवन नहीं. असफलता से घबराने की बजाय उससे सीख लें और आगे बढ़ें." उन्होंने जोर दिया कि सकारात्मकता, आत्मविश्वास, और लक्ष्य के प्रति ईमानदार मेहनत सफलता की कुंजी है. कलेक्टर ने यह भी कहा कि अच्छी संगत, नशे से दूरी, और सोशल मीडिया के सीमित उपयोग से जीवन को सही दिशा में ले जाया जा सकता है.
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तनाव से निपटने के उपाय
छात्राओं द्वारा तनाव, पढ़ाई में मन न लगना, और याददाश्त कमजोर होने जैसे सवालों पर कलेक्टर ने सुझाव दिए-
कलेक्टर ने अपना उदाहरण देकर छात्रों को प्रेरित किया
कलेक्टर ने अपने जीवन का उदाहरण देते हुए बताया कि वह पहले डॉक्टर बने, लेकिन असहाय मरीजों की मदद न कर पाने की भावना ने उन्हें प्रशासनिक सेवा में आने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि ईमानदार मेहनत और लक्ष्य के प्रति समर्पण से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है. इस कार्यक्रम में चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा, उपाध्यक्ष मनीष मूंदड़ा, और हॉस्टल संचालक दिवाकर जैन भी उपस्थित थे.
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बता दें कि कोटा में जनवरी 2025 में अब तक छह छात्र सुसाइड कर चुके हैं. उनमें से पांच छात्र इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम IIT JEE की तैयारी कर रहे थे, जबकि एक छात्रा कोटा में मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यानी NEET UG की तैयारी कर रही थी. पिछले दो सालों में कोटा में छात्र आत्महत्या की घटनाओं ने सभी को चिंता में डाल दिया है. 2023 में 29 छात्रों और 2024 में 19 छात्रों ने आत्महत्या की थी. हालांकि कोटा प्रशासन लगातार छात्रों के तनाव कम करने और माहौल को सहज करने की कोशिश करता रहा है. इसके अलावा हॉस्टल और पीजी के कमरों में पंखे में एंटी- हैंगिंग डिवाइस लगाना भी अनिवार्य है.