
दिल्ली नगर निगम ने मुखर्जी नगर स्थित कोचिंग संस्थानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. दरअसल बीते जून में मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद इनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे. एमसीडी ने उल्लंघनकर्ताओं को लगभग 900 नोटिस दिए गए हैं और अदालत के आदेश के तहत चार कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया गया है. कोर्ट ने अधिकारियों को अग्निशमन सेवा विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना चल रहे ऐसे सभी सेंटरों को बंद करने का निर्देश दिया है.
हाईकोर्ट ने दिया आदेश
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने बुधवार को बताया कि इसके अलावा, 98 ऐसे मामलों में कोचिंग संस्थानों ने अपने 'परिसर खाली' कर दिए हैं. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को शहर के अधिकारियों को अग्निशमन सेवा विभाग से एनओसी के बिना चल रहे सभी कोचिंग सेंटरों को बंद करने का निर्देश दिया था. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि "अग्नि सुरक्षा बहुत जरूरी है" और सभी कोचिंग सेंटर दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 (एमपीडी 2021) और अन्य लागू नियमों के तहत अपनी वैधानिक आवश्यकताओं का पालन करने के लिए बाध्य हैं.
98 कोचिंग सेंटरों ने खाली किए परिसर
एमसीडी ने जवाब में कहा, 'एमसीडी इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है और प्रगति रिपोर्ट कुछ दिनों के बाद साझा की जा सकती है. अब तक, उन कोचिंग सेंटरों को कुल 897 नोटिस दिए गए हैं, जो एमपीडी 2021 के उल्लंघन में संचालित पाए गए थे.' इसके अलावा, 'चार कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया गया है, और 98 ऐसे मामलों में कोचिंग सेंटरों ने उस परिसर को खाली कर दिया है, जिसमें वे काम कर रहे थे। दिल्ली के प्रमुख कोचिंग केंद्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली के मुखर्जी नगर, दक्षिणी दिल्ली में कटवारिया सराय, जिया सराय, बेर सराय और पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर और मयूर विहार में स्थित हैं.'
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मामले में दायर स्टेट्स रिपोर्ट में, दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे 583 कोचिंग संस्थानों में से केवल 67 के पास दिल्ली अग्निशमन सेवाओं की एनओसी है. पीठ ने, जिसमें न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी भी शामिल थे, कहा, 'यदि कोई कोचिंग सेंटर मास्टर प्लान प्रावधानों के अनुरूप नहीं है, तो उसे बंद कर दिया जाना चाहिए, इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है.'
60 दिन का दिया है समय
अदालत ने आदेश दिया, 'प्रतिवादियों (एमसीडी और दिल्ली सरकार) को उन कोचिंग सेंटरों को बंद करने का निर्देश दिया जाता है जिनके पास फायर एनओसी नहीं है.' अदालत ने पुलिस, अग्निशमन सेवा विभाग और अन्य अधिकारियों से आदेश का पालन करने के लिए एमसीडी को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने को कहा. लिखित आदेश के मुताबिक, यह कार्रवाई 60 दिन के अंदर करनी है.
अदालत ने कहा था कि अगर कोचिंग सेंटरों के अलावा अन्य स्ट्रक्चर्स भी अनुपालन नहीं कर रहे हैं तो उन पर भी एमसीडी कार्रवाई करेगी. जब अदालत ने दिल्ली सरकार के वकील से ऐसे संस्थानों को 'बंद' करने को कहा तो उन्होंने जवाब दिया कि अग्निशमन सेवा विभाग के पास ऐसा करने के अधिकार नहीं हैं और कहा कि कार्रवाई एमसीडी को करनी होगी.
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मुखर्जी नगर अग्निकांड के बाद आया कोर्ट का आदेश
एमसीडी के वकील ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की गई है और यहां तक कि सीलिंग के आदेश भी जारी किए गए हैं. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि कोचिंग सेंटरों को अग्नि प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कुछ समय दिया जा सकता है क्योंकि उनके बंद होने से छात्रों के शैक्षणिक हित प्रभावित हो सकते हैं. अदालत ने निर्देश दिया कि मामले को 10 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए. 16 जून को, हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर में एक कोचिंग संस्थान में आग लगने की घटना का संज्ञान लिया था और स्थानीय अधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.
22 वर्षीय अर्जुन सिंह, जो पिछले चार वर्षों से एसएससी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, ने कहा, 'जब मुखर्जी नगर में आग लगी तो मैं वहां था. मैंने देखा कि कैसे छात्र इमारत से बाहर आ गए, कई घायल भी हुए. इन सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखना एक कोचिंग संस्थान प्रबंधन की जिम्मेदारी है।. सभी संस्थानों को अग्निशमन सेवाओं से एनओसी लेनी चाहिए क्योंकि हम कभी नहीं जानते कि भविष्य में हमारे लिए क्या होगा. ऑनलाइन कक्षाएं 'पर्याप्त नहीं' हैं क्योंकि संदेह दूर करने के लिए फिजिकल क्लासेस की आवश्यकता होती है.'