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एक या दो पेग से कैसे लोगों को पड़ जाती है शराब की लत? रिपोर्ट में हुआ खुलासा

रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों में RASGRF-2 जीन पाया जाता है, उनका डोपामाइन कई गुना बढ़कर रिलीज होता है. इस रिसर्च में 14 साल की उम्र के 663 बच्चों पर स्टडी कई गई था. इसमें बच्चों से वह काम करने के लिए कहा गया था जिसमें उन्हें मजा आता है यानी कि जिससे वेंट्रल स्ट्रिएटम एक्टिव हो सके. जानिए- रिसर्च में क्या खुलासा हुआ.

Why People are Addicted to Alcohol Why People are Addicted to Alcohol
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:27 PM IST

गम हो या खुशी... पीने वाला शख्स शराब के साथ ही सेलिब्रेट करता है. शराब पीते वक्त सभी एंजॉय करते हैं लेकिन शराब पीने का आनंद कब लत में बदल जाए इसका पता नहीं चलता है. कई लोग थोड़ी शराब पीने पर भी लत लगने के डर से इसे छोड़ देते हैं तो वहीं, कुछ लोग काफी शराब पीने के बाद भी कहते हैं कि अरे मुझे लत नहीं है. शराब पीने की लत फिजिकली और मेंटली इंसान को बर्बाद कर देती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब की लत लगने के पीछे का कारण क्या है? प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) की एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है.

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क्यों लगती है शराब की लत?

शराब की लत का सीधा-सीधा कनेक्शन इंसान की इच्छा के ऊपर है. ड्रग्स के असर के लिए इंसानी मस्तिष्क में डोपामिन न्यूरोन का काम बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसमें बताया गया कि RASGRF-2 नामक जीन लोगों में शराब पीने की खुशी पर असर डाल सकता है. यह रिसर्च जेनेटिक्स, ब्रेन केमिस्ट्री और शराब के साथ हमारे रिश्ते को उजागर करती है. डोपामाइन दिमाग में मजे और खुशी से जुड़ा एक न्यूरोट्रांसमीटर है. जब हमको कोई चीज अच्छी लगती है तो दिमाग में डोपामाइन रिलीज होता है.  इससे सुकून मिलने का अहसास हो सकता है. यह मजा देने वाली चीजों की आदत को बढ़ाता है. अगर शराब किसी शख्स के डोपामाइन को बढाती है तो वह इसे बार-बार करता है. 

रिसर्च में हुआ खुलासा

रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों में RASGRF-2 जीन पाया जाता है, उनका डोपामाइन कई गुना बढ़कर रिलीज होता है. इस रिसर्च में 14 साल की उम्र के 663 बच्चों पर स्टडी कई गई था. इसमें बच्चों से वह काम करने के लिए कहा गया था जिसमें उनमें मजा आता है यानी कि जिससे वेंट्रल स्ट्रिएटम एक्टिव हो सके. दो साल बाद 16 साल की उम्र में रिसर्चर्स ने इन बच्चों से फिर से मुलाकात की, जिनकी उम्र 16 साल हो चुकी थी. इसके बाद इन बच्चों को शराब की आदतों को देखा गया.

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नतीजा यह निकला कि जिन युवाओं में RASGRF-2 जीन था, उन्होंने शराब पीने की आदत को ज्यादा बार और आसानी से अपनाया, जबकि जिनमें यह जीन नहीं था, वे शराब कम पीते थे। यह खोज दिखाती है कि RASGRF-2 जीन और शराब के सेवन में बढ़ी हुई खुशी के बीच एक संभावित संबंध हो सकता है. हालांकि सिर्फ यही एक कारण शराब की लत नहीं हो सकता है. इसका एक कारण संगति भी है. अगर आप हर वक्त उन लोगों के साथ उठ बैठ रहे हैं जो रेगुलर शराब पीते हैं तो कहीं ना कहीं उनका नेचर आपको भी अट्रैक्ट कर सकता है. 

रिसर्च के मुताबिक, अगर दो लोग बराबर की शराब बार-बार पी रहे हैं लेकिन लत उसी को लगेगी जिसमें RASGRF-2 जीन हो. जिन व्यक्ति में यह जीन नहीं है उसके लत का शिकार होने के चांसेस कम हैं. कब पीने है और कब छोड़नी है यह पूरी तरह उसके मन पर निर्भर करता है.

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