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Haryana Education News: अगर आप या आपका बच्चा KG से PG तक की एक ही संस्थान से कर पाए तो कितना अच्छा होगा. बार-बार बच्चे के एडमिशन से लेकर अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्टग्रेजुएट (PG) के लिए अच्छा कॉलेज, एंट्रेंस एग्जाम ऐसी कई तरह की टेंशन झट से खत्म हो सकती हैं. जी हां, हरियाणा सरकार इस पर काम शरू कर दिया है और नई शिक्षा नीति के तहत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और महिला विश्वविद्यालय, खानपुर ने केजी स्तर से पीजी तक की शिक्षा एक ही छत के नीचे शुरू करने की तैयारी है.
दरअसल, 14 मई 2022 शनिवार को हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा शिक्षा नीति, स्वरोजगार एवं प्रबंधन पर सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस दो दिवसीय सम्मेलन में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ( Manohar Lal Khattar) और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम महनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को केजी लेवल (kindergarten level) से पोस्टग्रेजुएशन तक की पढ़ाई करानी चाहिए.
गरीब परिवार के बच्चों की केजी से पीजी तक फीस देगी सरकार
सीएम खट्टर ने कहा कि जल्द ही एक नई योजना बनाई जाएगी जिसके तहत सरकार 1.80 लाख रुपये से कम सत्यापित वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों की फीस का भुगतान करेगी. नई शिक्षा नीति के तहत एमडीयू, रोहतक, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और महिला विश्वविद्यालय, खानपुर ने केजी स्तर से पीजी तक एक ही छत के नीचे एजुकेशन प्रोसेस शुरू होगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के शेष विश्वविद्यालयों को भी इसी तर्ज पर शिक्षा प्रदान करने के लिए तेज गति से काम करना चाहिए ताकि राज्य के हर युवा को एक छत के नीचे आसानी से हायर एजुकेशन मिल सके.
रोजगार पर क्या बोले सीएम खट्टर?
हरियाणा के सीएम ने कहा कि विश्वविद्यालयों में रोजगार से संबंधित प्रोग्राम (employment-oriented programmes) तैयार करने चाहिए और कंप्यूटर एजुकेशन को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए ताकि वर्तमान युग में युवाओं को टेक्नोलॉजी से जोड़ा जा सके और कंप्यूटर में दक्ष हो सके. सीएम ने कहा कि यूनिवर्सिटीज में रोगजार से जुड़े प्रोग्राम चलाने से पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी मिलने में आसानी हो सकती है. उन्होंने टेक्नोलॉजी एजुकेशन और हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट को एक करने की बात भी कही. सीएम ने कहा कि इससे सरकार पर अनावश्यक बोझ भी कम होगा और युवा गुणवत्तापूर्ण तकनीकी और उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए ताकि वह सरकारी अनुदान पर निर्भर न रहें. उन्होंने कहा कि सरकार सलाहकारों, सर्वेक्षणों के काम के लिए बाहर से एजेंसियों को हायर करती है. अगर विश्वविद्यालयों को इस तरह के काम दिए जाएंगे तो इससे उनकी आय बढ़ेगी.