
कोटा में इस साल भी छात्र आत्महत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 11 दिन में तीन छात्र सुसाइड कर चुके हैं. इनमें उत्तर प्रदेश के दो छात्र और राजस्थान की एक छात्रा शामिल है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन छात्रों का तनाव दूर करने से लेकर हॉस्टल में एंटी सुसाइड डिवाइज लगाने के निर्देश देने तक हर संभव कोशिश कर रहा है. इसके बावजूद कुछ लोग इन घटनाओं की गंभीरता न समझते हुए दिशानिर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. 24 जनवरी को यूपी के मुरादाबाद निवासी छात्र मोहम्मद जैद ने जिस कमरे में फांसी का फंदा लगाकर मौत को गले लगाया था उस हॉस्टल के कमरे में पंखे में किसी तरह की कोई डिवाइस नहीं थी. छात्र द्वारा बिना डिवाइस वाले पंखे से लटक कर सुसाइड करने के बाद हॉस्टल में हड़कंप मच गया.
एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं पाए जाने पर हॉस्टल सीज
प्रशासन ने कौशल संचालकों को फिर से चेतावनी दी है कि प्रशासन की गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर अब हॉस्टल सीज करने की कार्रवाई जाएगी. कोटा में कोचिंग छात्र की आत्महत्या की घटना के बाद तलवंडी क्षेत्र के एक छात्रावास को अंतरिम रूप से सीज कर दिया गया है. जिला कलेक्टर डॉ.रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि उक्त छात्रावास में निर्धारित गाइडलाइन की पालना नहीं पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है.
उन्होंने बताया कि गत दिनों एक छात्र द्वारा आत्महत्या के प्रकरण में जांच करने पर निर्धारित गाइडलाइन के अनुरूप कमरे में हैंगिंग डिवाइस का नहीं होना पाया गया. इस मामले में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई. जांच रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 133 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए तलवंडी स्थित कंचन रेजिडेंसी को सीज किया गया.
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट बृजमोहन बैरवा ने बताया कि 31 जनवरी को पारित आदेश की पालना सुनिश्चित करने के लिए हिसुब सोनी निवासी तलवंडी कंचन रेजीडेंसी एवं हॉस्टल संचालक और रघुनंदन शर्मा निवासी मथुरा लाल हलवाई के पास बाजार नंबर 2 रामगंजमंडी थाना रामगंजमंडी ग्रामीण हाल वार्डन कम केयरटेकर कंचन रेजीडेंसी को न्यायालय द्वारा पारित आदेश की पालना में उल्लेखित शर्तों की अक्षरशः पालना करने के लिए पाबंद किया गया है.
क्या है एंटी हैंगिंग डिवाइस?
एंटी हैंगिंग डिवाइस की खासियत यह है पंखे से लटक कर कोई भी स्टूडेंट सुसाइड नहीं कर सकता. पंखे पर 20 किलो से अधिक वजन आते ही पंखा स्प्रिंग के साथ नीचे आ जाएगा और कोई भी स्टूडेंट सुसाइड नहीं कर सकेगा.
खाली करवाए गए 22 कमरे
उन्होंने बताया कि उक्त रेजीडेंसी में 32 कमरे हैं जिनमें से 10 कमरों में छात्र निवासरत हैं और 22 कमरें खाली करवाए जा चुके हैं. शेष 10 कमरों में रह रहे 10 छात्रों को 5 फरवरी तक अन्यत्र रेजीडेंसी में शिफ्ट करने के लिए रेजीडेंसी के संचालक व वार्डन ने जरिए प्रार्थना पत्र अवगत कराया गया है. रेजीडेंसी के संचालक एवं वार्डन द्वारा पारित आदेश की पूरी तरह पालना सुनिश्चित करने के लिए लिखित में पाबंद किया जा चुका है.
हॉस्टल संचालक उड़ा रहे प्रशासन की गाइडलाइन की धज्जियां
कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन की हॉस्टल संचालक व पीजी संचालक पालना नहीं कर पा रहे हैं. कोचिंग स्टूडेंट्स सुसाइड करने के डरावने व भयानक आंकड़े सामने आने के बाद हॉस्टल के अलावा पीजी के कमरों के पंखों में भी एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाई जानी थी, लेकिन हॉस्टल संचालक व पीजी संचालक ने दिशानिर्देशों का पालना नहीं कर रहे.
25 हजार पीजी के कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं
24 जनवरी को हॉस्टल संचालक की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गाइडलाइन जारी होने व प्रशासन के बार-बार निर्देश के बाद भी कमरे के पंखे में एंटी हैंगिंग डिवाइस तक नहीं लगाई गई थी, इतना ही नहीं छात्र की सुसाइड के करीब कई घंटे तक हॉस्टल संचालक को भनक तक नहीं लगी थी. शहर के करीब 25 हजार पीजी के कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगाया गया जबकि हॉस्टल के कमरों की संख्या का आंकड़ा तो इनसे भी अधिक है.
प्रशासन ने फिर से यह आदेश दिया है कि जिस हॉस्टल या पीजी के कमरे में एंटी सुसाइड डिवाइस नहीं लगा होगा उसे तुरंत सीज कर दिया जाएगा. अब देखने वाली बात यह भी होगी कि यह आदेश पिछले आदेशों की तरह ऐसे ही हॉस्टल संचालन अवहेलना करते रहेंगे या फिर प्रशासन शक्ति दिखाते हुए एक के बाद एक कार्रवाई करेगा.