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BHU में छात्रों का प्रदर्शन, यूनिवर्सिटी बोली- नीता अंबानी पर कोई आदेश हुआ ही नहीं!

बीएचयू के छात्रों ने नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के सवाल को निजीकरण से जोड़कर बताया. इसको कहीं से भी महिला सशक्तिकरण का उदाहरण मानने से इनकार कर दिया.

बीएचयू के बाहर प्रोटेस्‍ट (aajtak.in) बीएचयू के बाहर प्रोटेस्‍ट (aajtak.in)
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 17 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सोशल साइंस संकाय के महिला अध्ययन केंद्र में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अंबानी को बतौर विजिटिंग प्रोफेसर का बुलावा भेजने का मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है. इसी के चलते बुधवार को दर्जनों की संख्या में छात्रों का एक समूह कुलपति आवास को घेरकर धरने पर बैठ गया और जमकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी भी की.

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बीएचयू के छात्रों ने नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने को निजीकरण से जोड़कर बताया. छात्रों ने इसे कहीं से भी महिला सशक्तिकरण का उदाहरण मानने से इनकार कर दिया. छात्रों की दलील थी कि देश में ऐसी तमाम महिलाएं हैं जो अपने बलबूते पर सशक्त हुई हैं ना कि किसी उद्योगपति की पत्नी होने मात्र से कोई महिला सशक्त हो सकती है.

अगर बुलाना ही है तो देश की सशक्त महिलाओं को बुलाया जाए ना कि उद्योगपति की पत्नियों को बुलाकर निजीकरण को बढ़ावा दिया जाए. छात्रों ने किसी भी सूरत में नीता अंबानी या किसी अन्य उद्योगपति की पत्नी को कैंपस में बतौर विजिटिंग प्रोफेसर आने पर विरोध जारी रखने की चेतावनी दी. छात्रों के रुख को देखते हुए कुलपति ने उन्हें अपने आवास में बुलाकर आश्वस्त भी किया जिसके बाद फिलहाल छात्र वहां से वापस लौट गए.

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Reliance Industries Limited के प्रवक्ता ने ANI को बताया कि नीता अंबानी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में लेक्चरर बताने वाली सूचना फर्जी हैं. उन्‍हें BHU से अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है. वहीं कहा जा रहा है कि‍ उन्‍हें बीएचयू से सरकारी रजिस्‍ट्री के जरिये लेटर भेजा गया है, जोकि शायद न मिला हो.

इस पूरे मामले को लेकर BHU ने आध‍िकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि‍ कैंपस के सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन केन्द्र में नीता अंबानी को विज़िटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी मीडिया खबरों के संदर्भ में ये स्पष्ट किया जाता है कि इस बारे में कोई आधिकारिक निर्णय बीएचयू प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी हुआ.

 

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