
BPSC Paper Leak: बिहार में रविवारा 08 मई को बिहार लोक सेवा आयोग के पेपर लीक के बाद राजनीति भी तेज हो रही है. विपक्षी दल राज्य सरकार पर त्रुटिपूर्ण परीक्षा आयोजित न कर पाने के आरोप लगा रहे हैं. बता दें कि BPSC 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा शुरू होने से पहले ही इसका पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसके बाद परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया. वायरल हो रहा पेपर बीपीएससी के पेपर से पूरा मेल खा रहा था.
इस मामले पर अब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ''हमने मामले में तत्काल कार्रवाई की. पेपर कहां और कैसे लीक हुआ, इसकी जांच की जा रही है. पूछताछ शुरू कर दी गई है और पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है. मैंने उनसे इसे तेज करने को कहा है. इसमें शामिल पाए जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''
पेपर लीक मामले पर तेजस्वी यादव ने कहा, ''बीपीएससी का पेपर लीक होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. जिन छात्रों का पेपर रद्द हुआ उनके लिए दर्द है. आप लोग कल्पना कर सकते हैं जब बीपीएससी का पेपर बिहार में लीक हो रहा है तो और संस्थानों का क्या हाल होगा. बिहार के नौजवान छात्रों के भविष्य से साफ तौर पर खिलवाड़ किया जा रहा है. जो भी दोषी है उन पर एक टीम गठित करके कार्यवाही करनी चाहिए. दोषियों को सजा देनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी गलती न हो. दूरदराज से जो छात्र परीक्षा देने आए थे, उन लोगों को सरकार 5,000 रुपये का मुआवजा भी दे."
उन्होंने आगे कहा, '' मैंने पहले भी कहा है कि बीपीएससी का नाम बदल देना चाहिए और इसे बिहार राज्य लीक आयोग रख देना चाहिए. सिस्टम में कोई न कोई ऐसा बैठा है जो लगातार इस काम को अंजाम दे रहा है, लेकिन इसके लिए सरकार को हमने पहले भी कहा है और अभी भी कह रहे हैं कि सुधर जाइए, नहीं तो आने वाले समय में इसका अंजाम बुरा होगा.''
बीपीएससी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी आरजेडी पर हमला बोला है. फिलहाल परीक्षा स्थगित कर दी गई है और दोषियों को ढूंढ़ा जा रहा है. परीक्षा राज्यभर के 38 जिलों के 1083 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गई है. परीक्षा के लिए लगभग 6 लाख उम्मीदवार उपस्थित हुए थे मगर परीक्षा शुरू होने से कुछ देर पहले ही पेपर लीक की खबरें सामने आ गई थीं.
क्या है उम्मीदवारों का कहना?
जिन सेंटर्स पर पेपर लीक हुआ है वहां के अभ्यर्थियों का कहना है कि कुछ छात्र अलग अलग एग्जम हॉल में परीक्षा दे रहे थे. एग्जाम सेंटर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाने की मनाही थी, मगर कुछ स्टूडेंट्स के पास मोबाइल फोन तक थे. कुछ स्टूडेंट्स ने यह भी बताया कि कुछ छात्रों को 12 बजे के बाद तक एग्जाम सेंटर में एंट्री दी गई. इसके अलावा छात्रों को काफी देरी तक पेपर नहीं दिए गए जिसकी वजह पूछने पर बताया गया कि पेपर जाम में फंसे हैं.
कब हो सकता है रीएग्जाम?
पेपर लीक की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है. समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही रीएग्जाम को लेकर कोई फैसला किया जा सकेगा. परीक्षा फिलहाल के लिए रद्द है और जल्द ही उम्मीदवारों के लिए रीएग्जाम के संबंध में कोई जानकारी जारी की जा सकती है. पेपर लीक के बाद छात्र सोशल मीडिया पर आयोग के खिलाफ जमकर ट्वीट्स कर रहे हैं.