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बिहार के स्कूलों की छुट्टियों पर भड़के केके पाठक, डीएम को लिखा पत्र, जानें पूरा मामला

बिहार शिक्षा विभाग ने कई जिलों के अधिकारियों से उस आदेश को रद्द करने के लिए कहा है, जिसमें उन्होंने मौजूदा शीतलहर के कारण प्राइमरी स्कूलों की कक्षाओं को निलंबित करने का निर्देश दिया था. साथ ही धारा 144 लागू करने का फैसला भी लिया था.

KK Pather cancelled schools winter vacation KK Pather cancelled schools winter vacation
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:39 PM IST

बिहार में कड़ाके की ठंड और शीतलहर के चलते राज्य के कई जिलों के जिलाधिकारियों ने प्राइमरी स्कूलों में कक्षाओं को निलंबित करने का आदेश दिया था. साथ ही धारा 144 लागू करने का फैसला भी किया था. लेकिन अब शिक्षा विभाग के प्रभारी केक पाठक ने इस फैसले को रद्द करने के आदेश दिए हैं. दरअसल, केक पाठक का कहना है कि सर्दी के कारण स्कूलों की छुट्टी का फैसला लेने और धारा 144 लागू करने से पहले डीएम को परमिशन लेनी चाहिए थी. इसी के साथ केक पाठक का कहना है कि सर्दी के कारण सिर्फ निचले स्कूल ही क्यों बंद किए जा रहा हैं? क्या कोचिंग संस्थानों के छात्रों को ठंड नहीं लगती?

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बिहार शिक्षा विभाग ने कई जिलों के अधिकारियों से धारा लागू करने और छुट्टी देने के आदेश को रद्द करने के लिए कहा है. शिक्षा विभाग के प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) केके पाठक ने सभी संभागीय आयुक्तों को इस बात को लेकर पत्र भेजा है. अधिकारियों को भेजे गए पत्र में केक पाठक ने कहा कि "जिलाधिकारियों से पूछा जा सकता है कि उनके निषेधाज्ञा आदेश स्कूलों पर कैसे लागू होते हैं, लेकिन कोचिंग संस्थानों और सिनेमा हॉल, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों जैसे अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नहीं. 

मौसम को देखते हुए पटना और भोजपुर जैसे कई जिलों के अधिकारियों ने घोषित किया अवकाश

जारी किए हुए पत्र में कहा गया है कि जब सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने का आदेश पारित किया जाता है, तो यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि ऐसा आदेश न्यायिक जांच से गुजरना चाहिए. सीआरपीसी की धारा 144 जिला मजिस्ट्रेट और उप-विभागीय मजिस्ट्रेट जैसे सरकारी अधिकारियों द्वारा उपद्रव या किसी खतरे के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने का प्रावधान है. राज्य के कई जिलों में मौजूदा ठंड के मौसम की स्थिति को देखते हुए, पटना और भोजपुर जैसे कई जिलों के अधिकारियों ने उस खंड के तहत कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है.

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केक पाठक के इस कदम को बताया गलत

समाचार एजेंसी पीटीई के अनुसार, केक पाठक न पत्र में यह भी लिखा कि "स्कूलों को बंद करने से संबंधित सीआरपीसी की धारा 144 को लागू करने वाले ऐसे सभी आदेशों को वापस लिया जाना चाहिए. भविष्य में सरकारी स्कूल के समय में बदलाव का आदेश देने से पहले शिक्षा विभाग से अनुमति लेनी होगी."  पीटीआई से बात करते हुए सीपीआई विधान परिषद सदस्य संजय कुमार सिंह ने पाठक के कदम को "अव्यवहारिक और अमानवीय" बताया है.

उन्होंने कहा, "यह पत्र जमीनी हकीकत से बहुत दूर है. चरम सर्दी के दौरान बच्चों का स्वास्थ्य और जीवन हमेशा खतरे में रहता है. ऐसी स्थिति में डीएम स्कूलों को बंद करने के लिए (सीआरपीसी की धारा 144 के तहत) आदेश जारी करने के लिए बाध्य हैं.

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