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शिक्षकों का वेतन, खाली पद, बिलों का भुगतान... दिल्ली कॉलजों की समस्याओं पर चंद्रशेखर ने UGC को लिखा पत्र

सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों के आर्थिक संकट को लेकर UGC अध्यक्ष को पत्र लिखा है. उन्होंने वेतन न मिलने, बच्चों की शिक्षा भत्ता, पदोन्नति और यात्रा रियायत जैसे मुद्दों को उठाया है. लगभग 300 अड-हॉक शिक्षक नियमितीकरण की प्रतीक्षा में हैं. उन्होंने कॉलेजों की वित्तीय स्थिति सुधारने और अतिरिक्त शिक्षण पदों की स्वीकृति की मांग की है.

Chandershekhar Azad Letter to UGC on Delhi Colleges Chandershekhar Azad Letter to UGC on Delhi Colleges
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 10:42 AM IST

उत्तर प्रदेश के नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों के गंभीर वित्तीय संकट को लेकर गहरी चिंता जताई है. इस संदर्भ में उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार को पत्र लिखकर समस्या के समाधान की मांग की है.

पत्र में शिक्षकों की समस्याओं के निवारण की मांग

अपने पत्र में, चंद्रशेखर ने इन कॉलेजों के स्टाफ को समय पर वेतन न मिलने, चिकित्सा बिलों का भुगतान न होने, शिक्षा भत्ता, सातवें वेतन आयोग के एरियर्स, पदोन्नति और यात्रा रियायत (LTC) जैसी गंभीर समस्याओं का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा है कि ये वित्तीय कठिनाइयां न केवल शिक्षकों और स्टाफ को गंभीर आर्थिक संकट में डाल रही हैं, बल्कि शैक्षिक गतिविधियों पर भी नकारात्मक असर डाल रही हैं.

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चंद्रशेखर आजाद ने यह भी बताया कि करीब 300 अड-हॉक शिक्षक कई सालों से स्थायी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं, जिनमें से कई 15 साल से अस्थायी तौर पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा, कॉलेजों में कई पद खाली हैं और खराब बुनियादी ढांचे की वजह से शिक्षकों और छात्रों को दिक्कतें हो रही हैं. शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में तुरंत नए शिक्षण पदों को मंजूरी देने की मांग की है, ताकि मौजूदा शिक्षकों पर से काम का बोझ कम हो और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को भी भेजा पत्र

सांसद ने यूजीसी के अध्यक्ष से आग्रह किया कि इन कॉलेजों की वित्तीय समस्याओं का त्वरित समाधान निकाला जाए और आवश्यक शिक्षण पदों की मंजूरी के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं. यह पत्र दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री आतिशी को भी भेजा गया है, ताकि दिल्ली सरकार इस दिशा में जल्द आवश्यक कदम उठा सके.

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