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साफ टॉयलेट, कंप्यूटर, झूले, स्वच्छ पानी, अच्छी पढ़ाई...प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है बिजनौर के गांव का ये सरकारी स्कूल

उत्तर प्रदेश बिजनौर के कासमपुर वीरू खालसा प्राइमरी स्कूल की छात्रा का सेलेक्शन रक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट में हुआ था. शिक्षकों और प्रधानाध्यापक ने स्कूल में हर वो सुविधा देने की कोशिश की है जो किसी बच्चे को प्राइवेट स्कूल में दी जाती है. चाहे वो साफ-सफाई हो या खेलकूद की व्यवस्था और नियम‍ित पढ़ाई, ये स्कूल सबमें आगे है . 

Bijnor Government School Bijnor Government School
ऋतिक राजपूत
  • बिजनौर,
  • 14 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST

देश के सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने से कई माता-पिता कतराते हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ाई, साफ-सफाई, शिक्षक और अन्य सुविधाओं को लेकर सभी के मन में एक धारणा बनी हुई है. सरकारी स्कूल की खराब हालत देख कोई भी इनमें दाखिला लेने का नहीं सोचता है लेकिन बिजनौर के एक सरकारी स्कूल की हालत ऐसी है हर कोई उसमें अपने बच्चे का एडमिशन कराने के लिए राजी हो जाए. यहां के शिक्षक वैभव चौधरी और प्रधानाध्यापक अरशद सैफी ने मिलकर स्कूल को नंबर वन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

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विद्यालयों में की गई ये व्यवस्थाएं

इस स्कूल में ग्राम प्रधान एवं ग्रामीणों के सहयोग से 400 से अधिक पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा कई सुविधाएं जैसे फर्नीचर, लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्वच्छ शौचालय, दिव्यांग शौचालय, आंगन में इंटरलॉकिंग सोलर लाइट एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है. विद्यालय के वातावरण एवं शैक्षिक उपलब्धि से प्रभावित होकर नीति आयोग ने बच्चों को झूला और एक कंप्यूटर दिया है. इसके अलावा ऑफिस उपयोग के लिए एक प्रिंटर भी उपहार में दिया गया है.

स्कूल में बनवाई लाइब्रेरी

प्रभारी प्रधानाध्यापक ने स्कूल में पुस्तकालय (लर्निंग कॉर्नर) का निर्माण कराया है. लाइब्रेरी बनने के बाद बच्चों के पढ़ने के लिए 700 से अधिक पुस्तकें रखी गई हैं. केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना निपुण विद्यालय बनाने के लिए जिला स्तर पर चयनित विद्यालयों की सूची में लगातार दो सालों से कासमपुर वीरू खालसा प्राथमिक विद्यालय को निपुण विद्यालय घोषित किया जा रहा है. वर्ष 2022-23 में एनटीपीसी ने राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश राज्य के 50 बच्चों का चयन हुआ था, जिसमें प्राथमिक विद्यालय कासमपुर वीरू खालसा विद्यालय के 2 बच्चे चुने गए थे. इन छात्रों को सर्टिफिकेट समेत 2000 रुपये की धनराशि भी दी गई थी.

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सरकारी प्रोजेक्ट में चुने गए सरकारी स्कूल के बच्चे

साल 2023-24 में शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट वीरगाथा 3.0 में देशभर से 100 बच्चों का चयन किया गया, जिसमें प्राथमिक विद्यालय कासमपुर वीरू खालसा विद्यालय की छात्रा सोनी कुमारी का चयन टॉप वन में हुआ था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने छात्रा को 10,000 रुपये के चेक और मेडल से सम्मानित किया था. मंत्रालय की तरफ से विद्यालय में बच्चों की रुचि के अनुसार झूले लगाए गए थे. विद्यालय में समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और बच्चों के लिए खेल सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाती है.

स्कूल में पढ़ते हैं गांव के 51 बच्चे  

कासमपुर वीरू खालसा प्राइमरी स्कूल उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के मेवला माफ़ी गांव में स्थित है. गांव की कुल आबादी 250 से 300 है. वैभव चौधरी (प्रभारी प्रधानाध्यापक) ने आजतक को बताया कि जब वह पहली बार इस स्कूल में आए थे, तो 2013 में यहां केवल 16 बच्चे थे, और अब सभी के प्रयास से इस विद्यालय में 51 बच्चे नामांकित हैं. जिनकी औसत उपस्थिति 90-95% होती है.

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