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लगभग 2 साल के लंबे इंतजार के बाद दिल्ली के वसन्त वैली स्कूल में इंटर स्कूल मल्टीमीडिया कॉन्टेस्ट का आयोजन किया गया. इसमें बिरला विद्या निकेतन स्कूल ने बाजी मारी. दूसरी पोजीशन पर स्प्रिंगडेल्स स्कूल रहा जबकि वसंत वैली स्कूल ने कॉन्टेस्ट में थर्ड पॉज़िशन हासिल की.
मल्टीमीडिया कॉन्टेस्ट में फर्स्ट पोजीशन हासिल करने वाले बिरला विद्या निकेतन स्कूल के छात्रों ने बताया कि इस कंपटीशन को जीतने के लिए वे पिछले 1 महीने से तैयारी कर रहे थे. इसमें टीचर्स और पेरेंट्स का पूरा सहयोग मिला. पहली बार उन्होंने ये ट्रॉफी हासिल की जिसको लेकर छात्र काफी खुश नजर आए.
वसंत वैली स्कूल के बच्चों ने रखा खास कॉन्सेप्ट
थर्ड पोजिशन हासिल करने वाले वसंत वैली स्कूल के छात्रों ने बताया कि मल्टीमीडिया शॉर्ट फिल्म में जो कांसेप्ट 'बॉडी डिस्फोमिया' उन्होंने रखा, उसकी हर किसी ने तारीफ की. यह एक ऐसी प्रॉब्लम है जो आज ज्यादातर बच्चों में देखी जा सकती है. बच्चों ने कहा, 'यह कांसेप्ट हम इसलिए लेकर आए हैं ताकि एक मैसेज समाज में जा सके.' स्टूडेंट्स ने यह भी बताया की कैसे आज बॉलीवुड और हॉलीवुड की जो मूवीज़ हैं उनमें कोई मैसेज नहीं होता. ऐसे में जरूरत है कि इस तरीके की शॉर्ट मूवीज़ हमारे समाज में ज्यादा से ज्यादा बने जो समाज को एक मैसेज भी दें.
फर्स्ट पोजीशन हासिल करने वाले बिरला विद्या निकेतन स्कूल के छात्रों ने भी वसंत वैली स्कूल के कांसेप्ट की तारीफ़ की.
कई तरह के कॉम्पिटिशन में बच्चों ने लिया हिस्सा
इस इंटर स्कूल मल्टीमीडिया कॉन्टेस्ट में देश के अलग-अलग राज्यों के लगभग 24 स्कूल के 200 से ज्यादा बच्चों ने हिस्सा लिया. इंटर स्कूल मल्टीमीडिया कॉन्टेस्ट में अलग-अलग कॉम्पिटिशन रखे गए थे जिसमें फोटोग्राफी, म्यूजिक कॉम्पिटिशन, गेमिंग कॉम्पिटिशन और मल्टीमीडिया शॉर्ट फिल्म्स कॉम्पिटिशन शामिल था.
इंटर स्कूल मल्टीमीडिया कॉन्टेस्ट में स्कूली बच्चों ने देश मे चल रहे अलग-अलग मुद्दों पर शार्ट मूवीज़ बनाईं. ये शॉर्ट वीडियो सिर्फ वीडियो नहीं, बल्कि एक मैसेज देने वाले भी थे. इन शार्ट मूवीज़ में बच्चों ने दिखाया कि स्कूली बच्चों की लाइफ में किस तरह की परेशानियां हो सकती हैं.
शॉर्ट फिल्म्स में दिए खास मैसेज
विवेक हाई स्कूल के छात्रों ने रेडियो जॉकी की लाइफ स्टाइल पर शार्ट मूवी बनाई जिसमें दिखाया कि कैसे नाम कमाने के बाद एक रेडियो जॉकी अपनी पहचान के आगे किसी को कुछ नहीं समझता. इसके कारण अपनी नौकरी तक गंवा बैठता है. नौकरी जाने के बाद उसे जब ये एहसास होता है कि उसके व्यवहार, उसके घमंड के कारण उसको कोई नौकरी नहीं देता तब उसे अपनी गलती पता चली.
म्यूजिक कॉम्पिटिशन में शिव नादान स्कूल गुरूग्राम के छात्रों ने बाजी मारी जबकि फ़ोटो ग्राफिक्स कॉम्पिटिशन में साधु वासवानी इंटरनेशनल स्कूल फ़ॉर गर्ल ने जीत दर्ज की. गेमिंग कॉम्पिटिशन में वसंत वैली स्कूल के बच्चों ने बाजी मारी.
जजों ने भी की तारीफ
फ़िल्म मेकिंग कॉम्पिटिशन में जज सुमित टंडन, उमा प्रकाश ,सोमनाथ सिंह ने सभी स्टूडेंट्स की तारीफ करते हुए कहा, इतनी कम उम्र में जिस तरह से बच्चे इन मल्टीमीडिया शॉर्ट फिल्म के लिए काम कर रहे हैं और इन फिल्मों के जरिए जो मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं वह वाकई काबिले तारीफ है.