
BPSC Protest Latest Update: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों का आंदोलन आज एक अहम मोड़ पर पहुंच गया. हजारों अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर गांधी मैदान में इकट्ठा हुए, जहां नेता प्रतिपक्ष प्रशांत किशोर ने 'छात्र संसद' बुलाने का आह्वान किया गया था. हालांकि, जिला प्रशासन ने इस सभा की अनुमति नहीं दी थी और सुरक्षा के मद्देनजर गांधी मैदान के सभी गेट बंद कर दिए गए.
बीपीएससी परीक्षा रद्द और री-एग्जाम की मांग कर रहे अभ्यर्थी
दरअसल, बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा (BPSC 70th PT Exam 2024) में गड़बड़ी का आरोप लगात हुए अभ्यर्थी परीक्षा रद्द और री-एग्जाम की मांग कर रहे हैं. जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को बीपीएससी परीक्षाओं को लेकर आंदोलनरत अभ्यर्थियों से मुलाकात की थी और उन्हें अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए रणनीति बनाने का आह्वान किया था. उन्होंने छात्रों और उनके अभिभावकों से रविवार को बड़ी संख्या में गांधी मैदान पहुंचने की अपील की थी, ताकि आंदोलन के अगले चरण की योजना बनाई जा सके.
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नहीं मिली गांधी मैदान में 'छात्र संसद' की अनुमति
प्रशांत किशोर को इस 'छात्र संसद' में शामिल होना था. आंदोलनकारियों को बापू की प्रतिमा के पास बुलाया गया, लेकिन प्रशासन ने गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे छात्र संसद का आयोजन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. प्रशासन ने दलील दी कि, गांधी मैदान में किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए कम से कम 45 दिन पहले आवेदन करना अनिवार्य है. जन सुराज पार्टी ने शुक्रवार शाम को ही आवेदन दिया था, जो नियमानुसार काफी देर से था. प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि गांधी मूर्ति के नीचे किसी भी प्रकार के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाती. इस समय गांधी मैदान में विभिन्न मेले और महोत्सव चल रहे हैं, जिसके कारण नए कार्यक्रम के लिए अनुमति देना संभव नहीं है.
गांधी मैदान में भारी पुलिस बल तैनात
गांधी मैदान में जाने से रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए. बड़ी संख्या में पुलिस बल को गांधी मैदान के भीतर और आसपास तैनात किया गया. सुबह से ही अभ्यर्थियों का गांधी मैदान में जुटना शुरू हो गया था. गांधी मूर्ति के सामने अभ्यर्थियों का जमावड़ा हुआ, जहां वे अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे.
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पीछे हटने को तैयार नहीं प्रदर्शकारी
पुलिस ने माइकिंग के जरिए प्रदर्शनकारियों से मैदान खाली करने की अपील की. बार-बार चेतावनी के बावजूद, अभ्यर्थी गांधी मूर्ति के पास से हटने को तैयार नहीं हुए. आंदोलनकारियों का कहना है कि यह उनके अधिकारों की लड़ाई है और वे तब तक डटे रहेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं. वहीं, प्रशासन ने गांधी मैदान के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए है. यह आंदोलन बिहार में युवाओं के रोजगार से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की एक नई कड़ी है. अब देखना होगा कि यह गतिरोध क्या रूप लेता है और सरकार इस पर क्या कदम उठाती है.