
BPSC Protest: पटना पुलिस ने टीचर और फेमस व्लॉगर 'गुरु रहमान' (मोतिउर रहमान खान) के लिए नोटिस जारी किया है. नोटिस में गुरु रहमान से कथित बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक के सबूत पेश करने के लिए कहा गया है. पुलिस ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि अगर गुरु रहमान के पास पेपर लीक से जुड़े ठोस सबूत हैं, तो वे इन्हें पुलिस को सौंप दें. अगर वे सबूत नहीं दे पाते हैं, तो इसे सरकार और BPSC की छवि खराब करने का प्रयास माना जाएगा.
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा (BPSC 70th PT Exam 2024) पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. परीक्षा के दिन (13 दिसंबर 2024) से सैकड़ों अभ्यर्थी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द और री-एग्जाम की मांग कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है और पेपर लीक जैसी घटनाएं छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं.
इससे पहले, टीचर गुरु रहमान प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिलने पहुंचे और प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "छात्रों के साथ इस तरह का व्यवहार निंदनीय है. मैं हमेशा छात्रों के समर्थन में खड़ा रहूंगा." उनकी इस भागीदारी ने मामले को और गरमा दिया है. अब पटना पुलिस ने गुरु रहमान से सबूत पेश करने के लिए नोटिस जारी किया है.
पटना पुलिस द्वारा जारी नोटिस में लिखा है, 'पुलिस निरीक्षक-सह-थानाध्यक्ष, गर्दनीबाग थाना, संजीव कुमार के स्वलिखित बयान के आधार पर एक मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच की जा रही है, और जांच प्रक्रिया में आपसे सहयोग की अपेक्षा की गई है. आपको सूचित किया जाता है कि इस जांच के प्रयोजन से आपको 28 दिसंबर 2024 को सुबह 11:00 बजे गर्दनीबाग थाना में उपस्थित होना आवश्यक है.'
नोटिस में और क्या लिखा है?
नोटिस के माध्यम से बताया गया है कि आपके द्वारा गर्दनीबाग धरनास्थल पर प्रदर्शन कर रहे BPSC अभ्यर्थियों के बीच 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक होने और इसे रद्द कर पुनः परीक्षा कराने की मांग को लेकर बयान दिए गए. पुलिस के अनुसार, आपके बयानों से यह प्रतीत होता है कि आप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से छात्रों को उकसाने का कार्य कर रहे हैं.
आपसे अनुरोध किया गया है कि यदि आपके पास 70वीं BPSC परीक्षा के पेपर लीक होने से संबंधित कोई भी साक्ष्य या दस्तावेज हैं, तो उन्हें निर्धारित समय पर थाना में प्रस्तुत करें.
अगरआप इस नोटिस का अनुपालन नहीं करते हैं या कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो इसे सरकारी संस्थान BPSC की छवि धूमिल करने का प्रयास माना जाएगा. इसके आलोक में आपके विरुद्ध B.N.S.S की पारा-94 के नियम और U/S-210 B.N.S. के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
बीपीएससी का री-एग्जाम से साफ इनकार
शुक्रवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है. आयोग ने कहा, "पेपर लीक के आरोप निराधार हैं. कुछ असामाजिक तत्व छात्रों को गुमराह कर रहे हैं. परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से संचालित की जा रही है."
BPSC के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि 70वीं पीटी परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएगी. इस परीक्षा को रद्द न करने को लेकर काफी ईमेल आ रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्र जो आरोप लगा रहे हैं, उसका कोई सबूत नहीं है. प्रदर्शनकारी मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि आयोग अब अप्रैल में होने वाली मुख्य परीक्षा की तैयारी में व्यस्त है.
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों से मिले अधिकारी, दिया ये ऑफर
शुक्रवार रात बिहार सरकार के कुछ अधिकारी धरने पर बैठे अभ्यर्थियों से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने अभ्यर्थियों से पूछा कि वह लोग बीपीएससी के अध्यक्ष से मिलकर अपनी बात करना चाहते हैं या फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलना चाहते हैं. इस पर धरने पर बैठे छात्रों ने कहा कि उन्हें बीपीएससी पर भरोसा नहीं है, इसलिए सीएम नीतीश कुमार से मिलना चाहते हैं. अधिकारी ने अभ्यर्थियों से कहा कि पांच लोग चलकर बीपीएससी के सचिव से मिलकर अपनी बात रख सकते हैं, लेकिन अभ्यर्थी इसके लिए तैयार नहीं हैं.