
NEET पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पटना एम्स के चार डॉक्टरों करन जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद और चन्दन सिंह को गिरफ्तार किया है. इन चारों डॉक्टरों पर आरोप है कि ये चारों पेपर सॉल्व कर रहे थे. अभीये चारों एम्स में MBBS स्टूडेंट हैं. पेपर लीक के आरोपी पकंज ने चारों डॉक्टरों को पेपर सॉल्व करने के लिए दिए थे.
एमबीबीएस थर्ड ईयर स्टूडेंट आरोपी चंदन सिंह, कुमार शानू और राहुल आनंद के साथ सीबीआई ने सेकेंड ईयर स्टूडेंट करण जैन को भी हिरासत में लिया है. इनमें चंदन सिंह सिवान का, कुमार शानू पटना का, राहुल आनंद धनबाद और करण जैन अररिया का रहने वाला है. सीबीआई की टीम कल दोपहर में पटना एम्स पहली बार पहुंची थी. पहली बार में सीबीआई अपने साथ चंदन सिंह को ले गई. दूसरी बार शाम 6 बजे कुमार शानू और राहुल आनंद को अपने साथ ले गई. गिरफ्तार सभी आरोपियों को सीबीआई ने पटना की अदालत में पेश कर रिमांड मांगी है.
एम्स पटना के निदेशक जीके पॉल के आज तक से बात करते हुए कहा, 'हमारे लिए ये चौंकाने वाली बात है कि हमारे स्टूडेंट्स ऐसी बात में शामिल हैं. हम सीबीआई की रिपोर्ट आने का इंतजार करेंगे. अगर हमारे ये स्टूडेंट्स शामिल रहे होंगे तो इनपर एक्शन होगा.ये सभी स्टूडेंट्स बेहद इंटेलिजेंट हैं.'
CBI ने NEET पेपर लीक होने से लेकर उसे सेटिंग वाले अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का पूरा नेटवर्क जोड़ा है. पेपर ले जाने वाले ट्रक से पर्चा उड़ाने वाले पंकज को भी सीबीआई पकड़ चुकी है जिसका हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से कनेक्शन मिला था. हजारीबाग के इसी स्कूल से पेपर संजीव मुखिया तक पहुंचा था.
मंगलवार को दो लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
मंगलवार को ही नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने पटना से पंकज कुमार और झारखंड के हजारीबाग से राजू सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. पंकज पर हजारीबाग में ट्रक से से पेपर चोरी करने और आगे बांटने का आरोप है. वहीं राजू सिंह ने पेपर को आगे लोगों को देने में मदद की थी.
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जानकारी के मुताबिक, पंकज सिविल इंजीनियर है और झारखंड के बोकारो का रहने वाला है. इसी ने हजारीबाग से ट्रंक से पेपर चोरी किया था और आगे बांटा था. वहीं, पेपर आगे बांटने में राजू सिंह ने मदद की थी. पंकज पेपर चोरी करने में मास्टरमाइंड है.सूत्रों के मुताबिक, पंकन कुमार उर्फ आदित्य कुमार ने ट्रंक से पेपर चोरी किया था और आगे अपने गैंग के लोगों बांटा था. एनटीए ने इसी ट्रक से पेपर अलग-अलग सेंटर्स तक पहुंचाया था.
क्या था पूरा मामला?
चार जून को नीट यूजी परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद से ही अभ्यर्थियों में खलबली मची हुई है. रिजल्ट देखने के बाद 67 टॉपर्स और एक ही सेंटर से 8 टॉपर का नाम लिस्ट में देखने के बाद छात्रों को परीक्षा में धांधली का संदेह था. इसके बाद छात्रों ने सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर एनटीए के खिलाफ जांच की मांग उठाई. सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं और इस बीच कोर्ट के सामने एनटीए ने फैसला लिया कि वह ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स का दोबारा एग्जाम करवाएंगे. 23 जून को परीक्षा हुई और टॉपर 67 से घटकर 61 हो गए.