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CBSE 12th Board Exam cancelled: सीबीएसई परीक्षा रद्द, जानें रिजल्ट को लेकर पीएम मोदी ने क्या निर्देश दिए

CBSE 12th Board Exam cancelled: सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंबी बैठक के बाद इसे कैंसिल करने का फैसला लिया है. जानिए- बैठक में किन बातों पर हुई चर्चा...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 01 जून 2021,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को लेकर लंबे समय से चल रहे संशय पर आज विराम लग गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को इस मुद्दे पर अहम बैठक हुई. जिसमें सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने का बड़ा फैसला लिया गया. पीएम मोदी ने आज राज्यों और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ इस पर व्यापक चर्चा के बाद परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया.

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बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और सेहत सर्वोपरि है. ऐसे माहौल में बच्चों को तनाव देना उचित नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते हैं. बैठक में प्रधानमंत्री ने सीबीएसई अफसरों से कहा कि सीबीएसई बारहवीं कक्षा के छात्रों के रिजल्ट को वेल डिफाइंड मानदंडों के अनुसार समयबद्ध तरीके से तैयार किया जाए. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में अत्यधिक चिंता पैदा कर रहा है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए. 

पीएम ने कहा कि देश भर में कोविड की स्थिति अभी बनी हुई है जबकि देश में संख्या कम हो रही है और कुछ राज्य प्रभावी सूक्ष्म-नियंत्रण के माध्यम से स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं. वहीं कुछ राज्यों ने अभी भी लॉकडाउन का विकल्प चुना है. ऐसे माहौल में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर छात्र, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं. पीएम ने कहा कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. 

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पीएम ने कहा कि सभी हितधारकों को छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है. पीएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परिणाम अच्छी तरह से परिभाषित मानदंडों के अनुसार निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से तैयार किए जाएं. व्यापक परामर्श प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात की सराहना की कि भारत के कोने-कोने से सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद एक छात्र हितैषी निर्णय लिया गया है. उन्होंने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने के लिए राज्यों को भी धन्यवाद दिया. 

 

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