
CBSE Board Exam 2021: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण सीबीएसई क्लास 12 बोर्ड एग्जाम को लेकर स्टूडेंट्स, टीचर्स और पेरेंट्स में अनिश्चितता बनी हुई है. जानिए इस बारे में क्या है टीचर-स्टूडेंट्स और अभिभावक क्या चाहते हैं. एल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल की अनुशासन कमेटी के इंचार्ज राजीव झा ने aajtak.in से बातचीत में एग्जाम को जरूरी बताया.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि cbse 12 के बोर्ड एग्जाम में जरूरी सब्जेक्ट के एग्जाम होने चाहिए क्योंकि क्लास 12 रिजल्ट बहुत सारे छात्रों का करियर डिसाइड करने में मदद करता है. साथ में उनको इसके साथ और भी कई प्रतियोगी एग्जाम भी देने पड़ते हैं. राजीव झा कहते हैं कि क्लास 12 के स्टूडेंट्स इतने बड़े हैं कि कोरोना प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए एग्जाम दे सकता है.
वो कहते हैं कि इसके अलावा एग्जाम मेन सब्जेक्ट्स के होने चाहिए और एग्जाम पीरियड 1.5 घंटे का हो और सवाल एमसीक्यू हों. इसके अलावा इसके आंसर ओएमआर शीट पर मार्क किए जाएं जिससे कम्प्यूटराइज्ड चेकिंग हो पाए. कंप्यूटर चेकिंग से समय के मुताबिक रिजल्ट निकालने में मदद मिलेगी साथ ही ह्यूमन कांटेक्ट कर सकें. पेपर को दो शिफ्ट में करना चाहिए.
आधे स्टूडेंट्स को मॉर्निंग शिफ्ट सुबह साढ़े दस बजे से 12 बजे दोपहर में बुलाना चाहिए. बाकी आधे स्टूडेंट्स को दोपहर 2.30 से शाम चार बजे के बीच एक ही एग्जाम करवाना चाहिए. इससे एक साथ स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के भीड़ से बच सकते हैं. एग्जाम अपने स्कूल में ही करवाना चाहिए.
राजीव झा कहते हैं कि एग्जाम डेट 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच हो. ऐसा करने से स्टूडेंट्स को रिवीजन करने का काफी टाइम मिल जाएगा. साथ-साथ गवर्नमेंट तब तक क्लास 12 एग्जाम से रिलेटेड स्टूडेंट्स, टीचर्स का वैक्सीनेशन दिलवाने का भी अरेंजमेंट्स कर लें. ऑप्शनल सब्जेक्ट्स का मार्क्स मेन सब्जेक्ट्स में आए मार्क्स का एवरेज लगाा जा सकता है.
छात्र अनन्य गुप्ता कहते हैं कि मेरे विचार में परीक्षा रद्द हो जानी चाहिए. एक तो कोरोना का ख़तरा उसपर जो अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है. उसने हम बच्चों को बङ़ा परेशान कर रखा है. वैसे भी उच्च शिक्षा के लिए तो एंट्रेस एग्जाम होते हैं. कुछ कॉलेज में पहले भी इंटरव्यू होते थे. मेरे विचार से कॉलेज ऑनलाइन एग्जाम से बच्चों को दाखिला दे सकते हैं. आखिरकार cbse result तो हमारी उच्च शिक्षा प्राप्त करने में ही मदद करता है. वेसै भी बहुत से लोगों ने अपने परिजनों को खोया है. अब तो तीसरी लहर आने का भी खतरा है.
अभिभावक वीसी गौर कहते हैं कि हम COVID महामारी के प्रभाव को समझते हैं, साथ ही हम यह भी समझते हैं कि 12वीं कक्षा की परीक्षा किसी भी छात्र के करियर का पहला मील का पत्थर है. हम सभी जानते हैं कि अधिकांश छात्र जो JEE या NEET जैसे प्रतियोगी परीक्षा के इच्छुक हैं. मुख्य रूप से इन तैयारी पर ध्यान केंद्रित करते हैं और हो सकता है कि प्री बोर्ड परीक्षाओं में उपस्थित नहीं होते या ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं.
यदि बोर्ड प्री बोर्ड के अंकों के आधार पर सामान्य अंकन का फैसला करता है तो वे छात्रों के साथ न्याय नहीं करेंगे. इसलिए बोर्ड को मेरी कड़ी सिफारिश है कि वे COVID-19 रिकवरी में सुधार की प्रतीक्षा कर सकते हैं और फिर परीक्षा आयोजित कर सकते हैं, लेकिन मेरे विचार से परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए जो छात्रों के भविष्य के करियर के लिए बेहतर होने वाली है.