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द‍िल्ली सरकार का ऐलान, कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को उसी स्कूल में मिलेगी फ्री एजुकेशन

महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार दिल्ली में लगभग 5,500 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना में अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है.

प्रतीकात्मक फोटो (Getty) प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 20 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को फ्री एजुकेशन देने का ऐलान किया है. सरकार ने निर्देश दिया है कि जो छात्र पिछले साल मार्च के बाद अनाथ हो गए हैं या माता या पिता खोए हैं, उन्हें उसी स्कूल में समायोजित किया जाए और मुफ्त शिक्षा की पेशकश की जाए. डीडीए या सरकार द्वारा आवंटित जमीन पर चल रहे निजी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. 

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एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने आधिकारिक आदेश में कहा है कि दिल्ली के सभी जिलों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि जो बच्चे मार्च 2020 के बाद अनाथ हो गए हैं या माता-पिता को खो दिया है, ऐसे बच्चों को स्कूल में पढ़ाई करने का मौका देना जरूरी है. 

निदेशालय ने ऐसे छात्रों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग या वंचित समूह श्रेणी के तहत पढ़ने वाले छात्र के रूप में भी माना जा सकता है. शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जा सकता है और कक्षा 8 के बाद उन्हें किसी भी सरकारी स्कूल में प्रवेश दिया जा सकता है. 

महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, लगभग 5,500 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में वायरस की चपेट में आने के बाद से अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है. विभाग ने ऐसे 268 बच्चों की पहचान की है जो कोरोना वायरस महामारी के दौरान अनाथ हो गए हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 14 मई को कहा था कि उनकी सरकार महामारी के दौरान अनाथ बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण का खर्च वहन करेगी. 

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मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जिन बच्चों के माता-पिता या दोनों में से किसी एक को कोविड से खोया है, उन्हें 25 वर्ष की आयु तक प्रति माह 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.

 

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