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School Reopen: इस राज्य में 20 सितंबर से पहली से पांचवीं तक के स्कूल खुलेंगे, लागू होगी ये SOP

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच करीब डेढ़ साल बाद मध्यप्रदेश में कक्षा पहली से 5वीं तक के स्कूल खुलने वाले हैं. मध्यप्रदेश सरकार ने 20 सितंबर से पहली से पांचवी तक की क्लासेस शुरू करने का फैसला किया है.

प्रतीकात्मक फोटो (Getty) प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 14 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:54 PM IST
  • कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए 50 फीसदी क्षमता से शुरू होंगी कक्षाएं
  • 6वीं से 12वीं तक की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ पहले ये ही संचालित हो रही हैं
  • स्कूल आने के लिए छात्रों को अभिभावकों का सहमति पत्र अनिवार्य होगा

School Reopen: मध्यप्रदेश में संचालित सभी आवासीय विद्यालय कक्षा 8वीं, 10वीं और 12वीं के लिए 100% विद्यार्थियों के लिए संचालित किए जाएंगे. कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों के लिए भी स्कूल और छात्रावास खोले जाएंगे, लेकिन छात्रावास में कुल क्षमता के 50% से ज्यादा विद्यार्थी उपस्थित नहीं होने चाहिए. 

मुख्यमंत्री शिवराज ने ट्व‍िटर पर जानकारी देते हुए बताया कि 'समस्त शासकीय एवं अशासकीय शालाओं को पुनः प्रारंभ करने के संबंध में आयोजित बैठक में दिनांक 20 सितंबर से निम्नानुसार कक्षाओं के पुनः प्रारंभ करने के संबंध में निर्णय लिया गया है'.

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बैठक में स्कूलों के संचालन के लिए जो अनिवार्य बिंदु निर्धारित किए गए हैं, उनमें स्कूल के पूरे स्टाफ को टीके का कम से कम  एक डोज लगा हो, यह आवश्यक है. स्कूल में क्लास लगने के लिए जो दिन निर्धारित किए गए हैं उसके अलावा बाकी के दिनों में ऑनलाइन क्लास पहले की तरह लगती रहेंगी. 

बता दें कि मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 1 सितंबर से कक्षा 6 से 12 तक 50% विद्यार्थियों की उपस्थिति में शुरू किए जा चुके हैं. इसमें अभिभावकों की सहमति और कोविड 19 की गाइडलाइन का सख्त पालन करना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा स्‍कूलों को सोशल डिस्‍टेंसिंग के मानदंडों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना होगा.

हल्के लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति को स्कूलों में प्रवेश करने पर पाबंदी होगी. इसके अलावा स्‍कूलों के एंट्री गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी. राज्‍य में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों कक्षाएं जारी रहेंगी और किसी भी छात्र को शारीरिक कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

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