
NEET UG 2024 पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. देशभर में छात्र अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट यूजी में धांधली को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र, नीट परीक्षा रद्द करके दोबारा आयोजित करने और पेपर लीक मामले की जांच का जिम्मा CBI को सौंपने की मांग कर रहे हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट में है, 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की बेंच दिल्ली होईकोर्ट समेत सात उच्च न्यायलयों में दायर अलग-अलग याचिकाओं को जोड़कर सुनवाई करेगी. इस बीच नीट परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की ईमानदारी और नीट के डिजाइन पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं सपा अध्यक्ष ने नीट परीक्षा रद्द की मांग की है.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पूछा क्या NEET भेद-भाव से भरा है?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, "मैं 2014 और 2019 के बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी संसद की स्थायी समिति का सदस्य था. मैं उस समय NEET के लिए मिलने वाले व्यापक समर्थन को याद करता हूं. लेकिन ऐसे सांसद भी थे विशेष रूप से तमिलनाडु से जिन्होंने चिंता जताई थी कि NEET से सीबीएसई के छात्रों को लाभ मिलेगा और दूसरे बोर्ड एवं स्कूलों से आने वाले स्टूडेंट्स को नुकसान पहुंचेगा. मुझे अब लगता है कि सीबीएसई के इस मुद्दे पर उचित विश्लेषण की जरूरत है. क्या NEET भेद-भाव से भरा है? क्या ग़रीब पृष्ठभूमि के छात्रों को अवसरों से वंचित किया जा रहा है? महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों ने भी NEET को लेकर गहरा संदेह जताया है."
जयराम रमेश अपनी पोस्ट में आगे NTA, NEET और NCERT पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिखा, "राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की सत्यनिष्ठा और NEET को जिस तरह से डिज़ाइन और प्रशासित किया जाता है उसके तरीक़े पर भी गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं. पिछले दशक में NCERT का ख़ुद का प्रोफेशनलिज्म ख़त्म हुआ है. उम्मीद है कि नई स्थायी समिति गठित होने पर NEET, NTA और NCERT की गहन समीक्षा करेगी। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए."
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नीट एग्जाम रिजल्ट और पेपर लीक को लेक हो रहे छात्रों के प्रदर्शन के बीच नीट परीक्षा रद्द करने की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट में लिखा, "एक देश, एक ही मांग, रद्द हो नीट एग्जाम."
बता दें कि नीट परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद 67 छात्रों को नीट टॉपर घोषित करने के बाद परीक्षा में गडबड़ी मामले में ने तूल पकड़ा था. फिलहाल एनटीए केवल उन 1563 छात्रों के लिए दोबारा नीट परीक्षा आयोजित करेगा, जिन्हें रिवाइज्ड आसंर-की और लॉस ऑफ टाइम की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. पेपर लीक और CBI जांच की मांग का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जिसपर 8 जुलाई को सुनवाई होगी.