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Corona in Schools: बच्चों पर कोरोना का कहर, पैरेंट्स बोले- सेल्फ सेंटर में ही हों एग्जाम

Corona in Schools: 09 अप्रैल को नोएडा के एक स्कूल के 13 बच्चे और 3 टीचर कोरोना संक्रमित पाए गए थे तब से लगातार स्कूली बच्चों में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. दिल्‍ली के स्‍कूलों में भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ गए हैं. लगातार मामलों को देखते हुए पैरेंट्स की चिंता अब और ज्यादा बढ़ने लगी है.

CBSE Board Term 2 Exam 2022: CBSE Board Term 2 Exam 2022:
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्‍ली,
  • 15 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST
  • दिल्‍ली NCR में मिल रहे हैं संक्रमण के मामले
  • अवे-सेंटर्स पर होनी हैं CBSE टर्म 2 परीक्षाएं

CBSE Term 2 Board Exam 2022: दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बार कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो रहे हैं. 9 अप्रैल को पहली बार नोएडा के एक स्कूल के 13 बच्चे और तीन टीचर कोरोना संक्रमित पाए गए थे, तब से लगातार स्कूली बच्चों में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. अब तक नोएडा में 43 स्कूली बच्चों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. लगातार मामलों को देखते हुए पैरेंट्स की चिंता अब और ज्यादा बढ़ने लगी है.

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CBSE के बोर्ड एग्जाम शुरू होने वाले हैं, लेकिन उसके पहले कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते पेरेंट्स ने अब एक नई मांग खड़ी कर दी है. पैरेंट्स का कहना है कि बच्चों को बोर्ड एग्जाम के लिए सेल्फ सेंटर ही दिया जाए यानी कि बच्चे जिस स्कूल में पढ़ते हैं उसी स्कूल को उनका एग्जाम सेंटर बना दिया जाए.

ऑल नोएडा स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष यतेंद्र कसाना का कहना है कि बच्चों के अलग-अलग एग्‍जाम सेंटर नहीं होने चाहिए. जिस स्कूल में बच्चे पढ़ते हैं उसी स्कूल को उनके एग्जाम का सेंटर बना देना चाहिए. कहीं और सेंटर देने से एक ही सेंटर पर अलग-अलग स्कूल के बच्चे पहुंचेंगे और इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. ऑल नोएडा स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने डीएम से मिलने का वक्त मांगा है. प्रशासन से मिलकर वह यह मांग रखेंगे कि बच्चों को सेल्फ सेंटर में ही एग्जाम देने दिया जाए.

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के. अरुणाचलम नाम के एक अभिभावक कहते हैं स्कूल के अंदर कोविड को लेकर किस तरह की व्यवस्था की गई है, यह पैरेंट्स को पता नहीं है. स्कूल को चाहिए कि वो बच्चों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर अलग-अलग बैठा कर पढ़ाई करवाएं या फिर एक साथ बच्चों को न बुलाकर अलग-अलग शिफ्ट में क्लास लगाई जाएं.

विकास बंसल नाम के अभिभावक कहते हैं कि स्कूल की तरफ से कई बार कोरोना को लेकर लापरवाही बरती जाती है. जैसे जिन भी स्कूल में बच्चे पॉजिटिव पाए जा रहे थे, स्कूल ने अपनी तरफ से एक भी बार किसी भी पेरेंट्स को सूचना नहीं दी. यहां तक कि स्कूल ने ये तक नहीं कहा कि पैरेंट्स एहति‍यातन अपने बच्चों का टेस्ट करवा लें. सोचने वाली बात यह भी है कि अब तक सीएमओ ने कोई भी एक्शन नहीं लिया है. स्वास्थ्य विभाग स्कूल जाकर निरीक्षण क्यों नहीं करते.

संजय भाटी नाम के अभिभावक कहते हैं कि उन्होंने स्कूल से यह जानने की कोशिश की कि आखिर उनके यहां कोविड के ताजा हालात को देखते हुए क्या इंतजाम किए गए हैं, लेकिन स्कूल की तरफ से कोई जवाब ही नहीं मिला. हम इस बात को समझते हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को बहुत ज्यादा फायदा नहीं है और बोर्ड के एग्जाम भी ऑफलाइन ही होने चाहिए, लेकिन इन सबके बीच बच्चे सुरक्षित रहें यह चिंता सबसे ज्यादा बड़ी है. स्कूल और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही इस मामले में पारदर्शी नीति नहीं अपना रहे.

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