
शिक्षा मंत्रालय ने इसी हफ्ते राज्यसभा में उठे एक सवाल के जवाब में साफ किया कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) UG CBSE पाठ्यक्रम पर आधारित नहीं है. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, सीयूईटी विभिन्न बोर्डों के छात्रों की "समान स्तर" पर परीक्षा लेता है. किसी भी राज्य बोर्ड से 12वीं पास करने वाले छात्रों के ज्ञान को समान स्तर पर इससे परखा जाता है.
बता दें कि इस साल बड़ी संख्या में देशभर के विश्व विद्यालयों ने सीयूईटी को अपनाया है. एकेडमिक सेशन 2022-23 से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए CUET आयोजित किया जा रहा है. इसका पूरा पाठ्यक्रम 12वीं कक्षा के स्तर पर विषयों की सामान्य समझ पर आधारित है. इसलिए इसकी परीक्षा द्वारा अलग-अलग बोर्डों के छात्रों को समान स्तर पर परखा जाता है. सीयूईटी का पाठ्यक्रम किसी भी तरह सीबीएसई पाठ्यक्रम पर आधारित नहीं है.
इसके अलावा, सरकार ने इस बात से इनकार किया कि किसी भी स्कूल बोर्ड को खत्म करने और केवल एक को मान्यता देने का कोई प्रस्ताव है, जिसमें छात्र सीयूईटी में उपस्थित होने से पहले कक्षा 12 की परीक्षा दे सकते हैं.
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए CUET-UG को 2022 में अनिवार्य कर दिया गया था. पिछले साल, 12.5 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था, जबकि 11.11 लाख से अधिक उम्मीदवार प्रवेश परीक्षा के दूसरे संस्करण के लिए उपस्थित हुए थे. CUET परिणाम पिछले महीने जारी किया गया था और इसके जरिये विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है.
बता दें कि परीक्षा को लेकर ये सवाल उठ रहा था कि सीयूईटी यूजी का सिलेबस अधिकतर सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम पर आधारित है. छात्रों की इस भ्रांति को भी सरकार ने यह कहकर पूरी तरह साफ कर दिया है कि सीयूईटी का सिलेबस किसी एक बोर्ड या सिलेबस पर आधारित नहीं है. इस परीक्षा के जरिये 12वींं पास करने वाले छात्र की योग्यता परखी जाती है.