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सिसोदिया बोले- NEET JEE परीक्षा स्थगित हो या दूसरा विकल्प तलाशे सरकार

मनीष सिसोदिया ने कहा, जिस व्यवस्था के दम पर आप (केंद्र सरकार) 28 लाख बच्चों को परीक्षा देने को मजबूर कर रहे हो, उस व्यवस्था के तहत देश के लाखों लोगों को पहले ही कोरोना हो चुका है. केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक संक्रमित हो चुके हैं जबकि वे बहुत अच्छी व्यवस्था में रहते हैं.

मनीष सिसोदिया मनीष सिसोदिया
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST
  • NEET JEE परीक्षा के खिलाफ विरोध तेज
  • छात्रों के समर्थन में उतरे कई विपक्षी नेता
  • कोरोना में परीक्षा स्थगित करने की मांग

JEE-NEET परीक्षा के मुद्दे पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि  NEET-JEE परीक्षा के मुद्दे पर केंद्र सरकार जमीनी हकीकत से आंख बंद कर बैठी हुई है.

मनीष सिसोदिया ने कहा, जिस व्यवस्था के दम पर आप (केंद्र सरकार) 28 लाख बच्चों को परीक्षा देने को मजबूर कर रहे हो, उस व्यवस्था के तहत देश के लाखों लोगों को पहले ही कोरोना हो चुका है. केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक संक्रमित हो चुके हैं जबकि वह बहुत अच्छी व्यवस्था में रहते हैं.

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मनीष सिसोदिया ने कहा, तीन घंटे की परीक्षा में आपको लगता है कि कोई जादू की छड़ी घुमा कर आप टैलेंट पता कर लोगे और इसके अलावा और कोई तरीका नहीं है? मेरे ख्याल से आपकी सोच बहुत संकुचित है. दुनिया के कई देशों में सिस्टम परीक्षा सिस्टम से बाहर आ रहा है और आप उसी से चिपके रहना चाहते हैं? 'आजतक' के सवाल पर कि क्या केंद्र सरकार को तमाम राज्यों के साथ बैठक बुलाना चाहिए, इस पर सिसोदिया ने कहा कि 'केंद्र सरकार के पास ज्यादा समय नहीं है. या तो इन परीक्षाओं को स्थगित करें या फिर कोई दूसरा विकल्प तलाशें.'

ये भी पढ़ें: JEE-NEET 2020: एग्जाम सेंटर्स हुए ज्यादा, कई शिफ्ट में होंगी परीक्षाएं, पढ़ें डिटेल्स

बता दें, NEET-JEE परीक्षा स्थगित कराने के लिए विपक्षी दलों के नेता छात्रों के समर्थन में उतरे हैं. उनका कहना है कि जबतक देश में कोरोना के हालात सही न हों, तब तक परीक्षा नहीं कराई जानी चाहिए. छात्र भी ऐसी ही मांग उठा रहे हैं. कहीं बाढ़ है तो कहीं कोरोना से लॉकडाउन. ऐसे में छात्र परीक्षा सेंटर तक कैसे पहुंचेंगे, यह भी बड़ा सवाल है. छात्रों के माता-पिता कोरोना के बीच परीक्षा में शामिल होने को लेकर काफी चिंतित हैं. 

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