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दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों ने किया प्रदर्शन, दूसरे स्‍कूल में शिफ्ट किए जाने से नाराज़

बच्चों का कहना है कि स्‍कूल की बिल्डिंग की मरम्‍मत के चलते उनको दूसरे स्कूल में मर्ज किया जा रहा है. लेकिन शिफ्ट किए जाने से उनकी पढ़ाई का हर्जाना होगा. 2 साल कोरोना के चलते वैसे ही उनकी पढ़ाई खराब हो गई है. स्‍कूल की दूसरी खाली पड़ी बिल्डिंग में क्‍लास होनी चाहिए.

Delhi School Protest Delhi School Protest
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्‍ली,
  • 15 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूल को अन्‍य स्‍कूल के साथ मर्ज करने के फैसले के बाद स्‍कूली बच्‍चों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है. राजकीय सर्वोदय वरिष्ठ माध्यमिक सह शिक्षा विद्यालय, नेताजी नगर के स्कूली बच्चों का कहना है कि उनके स्कूल में हाल ही में 2 करोड़ की लागत से नई बिल्डिंग बना कर तैयार की गई है. इसमें कई सारे कमरे खाली हैं, इसके बावजूद भी उनको दूसरे स्कूल में सरकार आखिर क्यों मर्ज कर रही है.

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दिल्ली सरकार के इस स्कूल में लगभग 300 बच्चे पढ़ते हैं. इस स्कूल में 2 बिल्डिंग हैं जिसमें एक पुरानी और एक नई है. पुरानी बिल्डिंग काफी जर्जर हालत में है. बच्चों का कहना है कि इस बिल्डिंग को बनाने के चलते उनको दूसरे स्कूल में मर्ज किया जा रहा है. लेकिन शिफ्ट किए जाने से उनकी पढ़ाई का हर्जाना होगा. 2 साल कोरोना के चलते वैसे ही उनकी पढ़ाई खराब हो गई और अब दूसरे स्कूल में शिफ्ट होने से उनकी पढ़ाई का और नुकसान होगा.

प्रदर्शन में पहुंचे अभिभावकों ने भी कहा कि जब नई बिल्डिंग तैयार है तो क्यों नहीं बच्चों को स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे बच्चों का कहना है कि  पिछले दिनों एजुकेशन डिपार्टमेंट ने स्कूल का विजिट किया था, उसमें इस बिल्डिंग को जर्जर हालत में देख बिल्डिंग को नए सिरे से बनाने के लिए प्रपोजल दिया गया. अब स्कूल में पिछले दिनों ही 2 करोड़ की लागत से नई बिल्डिंग तैयार की गई है. उस बिल्डिंग में अभी 20 कमरे खाली हैं जबकि इन बच्चों को जिस दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है वहां पर सिर्फ 14 ही कमरे हैं. अब ऐसे में जब मौजूदा स्कूल में 20 कमरे खाली हैं तो वह दूसरे स्कूल में क्यों जाएं.

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इस मामले पर स्कूल के वाइस प्रिंसिपल मुकेश यादव ने कहा कि अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बच्चों को दूसरे स्‍कूल में मर्ज किया जाएगा. अभिभावक चाहते हैं कि स्कूल में जो टीचर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, वो ही टीचर उनको पढ़ाते रहें. दिल्‍ली पुलिस के आने के बाद बच्‍चों ने प्रोटेस्‍ट खत्‍म कर दिया है.

 

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