
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों के इनरोलमेंट को लेकर के एक नया विवाद शुरू हो गया है. विवाद इस बात को लेकर शुरू हुआ, जब दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से इस बाबत एक रिपोर्ट मांगी. दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने यह पूछा कि 2014-15 की तुलना में 2019-20 में जब स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या कम हुई तो बजट क्यों बढ़ा?
लेकिन 'आज तक' ने जब दिल्ली सरकार के सांख्यिकीय डेटा को देखा तो पाया कि उपराज्यपाल के आंकड़ों में आंशिक सत्यता तो है लेकिन कहीं न कहीं उसमें कुछ तथ्य शामिल नहीं किए गए हैं. जैसे 2014-15 से लेकर 2017-18 तक तो छात्रों के इनरोलमेंट में कमी आई, लेकिन पिछले 4 सालों में इनरोलमेंट लगातार बढ़ रहा है.
इकोनॉमिक सर्वे ऑफ़ दिल्ली के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 4 सालों में सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स के दाखिलों में लगातार इजाफा हुआ है. साल 2017 से लेकर साल 2021 तक शिक्षा का बजट बढ़ने के साथ साथ दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों के एनरोलमेंट में बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
इकोनॉमिक सर्वे ऑफ़ दिल्ली के आंकड़ों के अनुसार :
1. साल 2017-18 में दिल्ली सरकार का शिक्षा पर एक्सपेंडिचर 9947.54 करोड़ था जबकि इस साल 14.81 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया.
2. साल 2018-19 में दिल्ली सरकार का शिक्षा पर एक्सपेंडिचर 10613.32 करोड़ था जबकि इस साल 14.98 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया.
3. साल 2019-20 में दिल्ली सरकार का शिक्षा पर एक्सपेंडिचर 11829.23 करोड़ था जबकि इस साल 15.19 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया.
4. साल 2020-21 में दिल्ली सरकार का शिक्षा पर एक्सपेंडिचर 12113.79 करोड़ था जबकि इस साल 16.2 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया.
आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2017 से 2021 तक सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स में लगातार इजाफा होता नज़र आ रहा है. वहीं, उपराज्यपाल कार्यालय ने सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा था कि 2014-15 में शिक्षा क्षेत्र में 6,145 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि 2019-20 में 11,081 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके बावजूद स्कूलों में दाखिले में गिरावट आई और छात्रों उपस्थिति काफी कम रही.
स्पष्टीकरण देने का निर्देश देते हुए उपराज्यपाल दफ़्तर ने मुख्य सचिव को पत्र में कहा है कि सरकार का हर साल हर छात्र पर 2015-16 में 42,806 रुपये खर्च था, जो 2019-20 में बढ़कर 66,593 रुपये हो गया है. फिर भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिलों की संख्या 2014-15 में 15.42 लाख से घटकर 2019-20 में 15.19 लाख हो गई थी.