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दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूलों में दी जाएगी सोशल मीडिया के 'सही उपयोग' की लर्निंग

जब कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मार्च में एक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तब बच्‍चों की पढ़ाई के नुकसान को कम करने के लिए ऑनलाइन क्‍लासेज़ और लर्निंग की शुरुआत की गई थी. 

School Students (Representational Image) School Students (Representational Image)
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 16 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST
  • 7.3 लाख छात्रों के लिए कुल 52 सेशन आयोजित किए जाएंगे
  • छात्रों को डिजिटल रूप से स्मार्ट होने के बारे में भी बताया जाएगा

दिल्ली सरकार, राज्‍य के छावनी बोर्ड और NDMC के स्कूलों में सात लाख से अधिक छात्रों को साइबर खतरों से निपटने के लिए ऑनलाइन जानकारी साझा करने से लेकर सोशल मीडिया के 'जिम्मेदार उपयोग' की लर्निंग दी जाएगाी. एक महीने तक चलने वाली ऑनलाइन सेशन्‍स की सीरीज़ में 1,040 स्कूलों के छात्र शामिल होंगे. यह सीरीज़ 23 नवंबर से शुरू होने वाली है. छात्रों को यह लेसन COVID-19 महामारी के दौरान गैजेट्स के बढ़ते उपयोग और सोशल मीडिया के संपर्क में आने के तहत जागरुक करने के लिए चलाया जा रहा है. 

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शिक्षा विभाग के उप निदेशक मोहिंदर ने कहा, " अज्ञात और गुमनाम साइबर दुनिया के माध्यम से खतरा आजकल एक कठोर वास्तविकता है. आसान पहुंच और अनमॉनिटर्ड कंटेंट की वजह से बच्‍चे आसानी से इस खतरे की चपेट में आ रहे हैं. "सोशल मीडिया के जिम्मेदार उपयोग पर सीरीज़" इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करेगी और इन खतरों से खुद को सुरक्षित करने के तरीके भी बताएगी. बच्चों को सोशल मीडिया के जिम्मेदार उपयोग के बारे में भी जागरूक किया जाएगा.“

उन्‍होंने कहा कि छात्रों को डिजिटल रूप से स्मार्ट होने के बारे में भी बताया जाएगा. योजना के अनुसार, दिल्ली के 13 जिलों के कक्षा 09 से 12तक के 7.3 लाख छात्रों को संबोधित करने के लिए कुल 52 ऑनलाइन सेशन आयोजित किए जाएंगे. जब कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मार्च में एक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तब बच्‍चों की पढ़ाई के नुकसान को कम करने के लिए ऑनलाइन क्‍लासेज़ और लर्निंग की शुरुआत की गई थी. 

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नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने मई में छात्रों द्वारा इंटरनेट के सुरक्षित, कानूनी और नैतिक उपयोग को बढ़ावा देने में शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों की भूमिका को परिभाषित करने वाले स्कूलों को विस्तृत दिशा-निर्देश भेजे थे. कंप्यूटर लैब तक पहुंचने के लिए केवल अधिकृत लोगों को अनुमति देना, USB के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना, पॉप-अप को रोकना और डेस्कटॉप पर नए और अनजान आइकन की उपस्थिति पर नजर रखना जैसी जानकारियों से बच्‍चों को अवगत कराया जाएगा.

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