
Pooja Khedkar Case: महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार, 26 सितंबर को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर लगी रोक को 4 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है. पूजा खेडकर के वकील ने झूठी गवाही वाले आवेदन (perjury application) के मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से एक सप्ताह का समय मांगा है.
दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर के वकील ने कहा कि पूजा खेडकर महाराष्ट्र में ही है. अभी यह मामला मीडिया की सुर्खियों में है. पूरी मीडिया का ध्यान पूजा खेडकर पर है. ऐसे में वह काफी दबाव में हैं. मीडिया के दबाव वाली बात पर दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि जांच एजेंसियों पर कभी दबाव नहीं होता. यूपीएससी के वकील ने कहा कि वह अपनी वजह से मशहूर हुई हैं. वकील ने आगे कहा ऐसा है तो उन्हें कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करनी चाहिए.
कोर्ट में क्या है मामला?
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने दिव्यांगता के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए थे. दिल्ली पुलिस ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि सिविल सेवा की 2022 और 2023 में दी गई परीक्षा में अलग-अलग दिव्यांगता सर्टिफिकेट जमा किए गए थे. ये सर्टिफिकेट कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर के मेडिकल अथॉरिटी ने जारी किया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले 28 अगस्त को पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर 5 सितंबर तक रोक लगाई थी, जिसे बाद में 26 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था. अब वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का और वक्त मांगा है जिसकी वजह से पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक 4 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है. इस तरह उनकी गिरफ्तारी तय 26 सितंबर से सात दिन और टल गई है.
यूपीएससी ने दर्ज कराया था मुकदमा
31 जुलाई को यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द की थी और उन्हें भविष्य की किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया था. यह निर्णय तब लिया गया जब पूजा खेडकर को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और सीएसई (सिविल सेवा परीक्षा) 2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया, जिसमें अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करना भी शामिल था.
यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एक आपराधिक मामला भी शुरू किया था. इसके बाद पूजा खेडकर ने यूपीएससी द्वारा उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में पूजा खेडकर ने दावा किया था कि उन्होंने यूपीएससी को अपने नाम में हेरफेर या गलत जानकारी नहीं दी है.