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Delhi Metro: हैदरपुर बादली मोड़ बना दिल्ली मेट्रो का सबसे ऊंचा पॉइंट, धौला कुआं का ये रिकॉर्ड टूटा

Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ( DMRC) ने दिल्ली मेट्रो के सबसे ऊंचे पॉइंट धौला कुआं का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दरअसल, दिल्ली मेट्रो के सबसे ऊंचे पॉइंट का तमगा अब धौला कुआं के पास नहीं रहेगा

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST

Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ( DMRC) ने दिल्ली मेट्रो के सबसे ऊंचे पॉइंट धौला कुआं का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दरअसल, दिल्ली मेट्रो के सबसे ऊंचे पॉइंट का तमगा अब धौला कुआं के पास नहीं रहेगा. हैदरपुर बादली मोड़ मेट्रो स्टेशन के पास दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर अब तक के सबसे ऊंचे पॉइंट का निर्माण पूरा करके मेट्रो फेज- IV मजेंटा लाइन एक्सटेंशन (जनकपुरी पश्चिम - आरके आश्रम मार्ग) कॉरिडोर में एक इंजीनियरिंग उपलब्धि हासिल की है. इससे पहले दिल्ली मेट्रो का सबसे ऊंचा पॉइंट धौला कुआं था. आउटर रिंग रोड के पास 490 मीटर लंबा सेक्शन येलो लाइन (समयपुर बादली - मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम) के हैदरपुर बादली मोड़ मेट्रो स्टेशन को पार करता है, जिसकी रेल लेवल ऊंचाई पियर नंबर 340 पर 28.362 मीटर है, जो अब डीएमआरसी नेटवर्क का सबसे ऊंचा पॉइंट है. यह धौला कुआं में फेज-III पिंक लाइन द्वारा बनाए गए 23.6 मीटर के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ चुका है.

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तीन चरणों में किया गया निर्माण
प्रमुख निर्माण कार्य, जैसे कि संरचनात्मक सुदृढ़ीकरण स्थापित करना (Installing structural reinforcement), खंभे बनाना और पूर्व-निर्मित घटकों (pre-fabricated components) को स्थापित करना, सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता थी. परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मौजूदा परिचालन वाली येलो लाइन पर स्टील स्पैन का निर्माण करना था. सुरक्षा सुनिश्चित करने और सेवा में व्यवधान को रोकने के लिए, इंजीनियरों ने चरणबद्ध तरीके से काम को अंजाम दिया. खंभे का निर्माण तीन चरणों में किया गया था, जिसमें काम करने वालों की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपाय किए गए थे. 

मेट्रो से सफर करने वालों का आसान होगा सफर
डीएमआरसी ने हैदरपुर बादली मोर मेट्रो स्टेशन के पास रेलवे क्रॉसिंग पर 52.288 मीटर लंबे स्टील स्पैन के चुनौतीपूर्ण निर्माण को भी पूरा किया, जो 27.610 मीटर की ऊंचाई पर है. दिल्ली मेट्रो में यह दूसरा सबसे ऊंचा स्थान है. ओवरहेड इलेक्ट्रिकल वायर से न्यूनतम निकासी के साथ, दो भारी-भरकम क्रेन का उपयोग करके स्थापना की गई, जिनमें से प्रत्येक ने सटीकता सुनिश्चित करने के लिए सेक्शन में 142-मीट्रिक-टन स्टील गर्डर उठाए.  मौजूदा मेट्रो और रेलवे सेवाओं में व्यवधान को कम करने के लिए, रात में गैर-संचालन घंटों के दौरान निर्माण की योजना बनाई गई थी.  इससे यह सुनिश्चित किया गया कि यात्रियों को किसी भी तरीके की दिक्कत न हो.  एक बार चालू होने के बाद, मेट्रो फेज-IV मैजेंटा लाइन विस्तार कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगा, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी. 

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