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Delhi School Reopen: खुले में लंच, 50 फीसदी अटेंडेंस, थर्मल स्‍कैनिंग, इन नियमों के साथ लगेंगे स्‍कूल

Delhi School Reopen Guidelines: DDMA ने कहा है कि स्‍कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी और सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करने के लिए लंच ब्रेक खुले स्‍थान पर होंगे. क्‍लासेज़ में दूरी बनाकर बैठने की व्यवस्था होगी और एक दिन में केवल 50 फीसदी छात्र ही स्‍कूल आ सकेंगे.

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aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 30 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 2:14 PM IST
  • कक्षा 9 से 12 के स्‍कूल 01 सितंबर से खुलेंगे
  • कक्षाओं में 50 फीसदी अटेंडेंस ही होगी

Delhi School Reopen Guidelines: दिल्ली में 01 सितंबर से स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने का निर्देश दे दिया गया है जिसके बाद से ही स्‍कूलों में सेनिटाइज़ेशन और अन्‍य जरूरी काम शुरू हो गए हैं. पहले चरण में कक्षा 9 से 12 के लिए स्‍कूल 01 सितंबर से खुलने वाले हैं. दिल्‍ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आज 30 अगस्‍त को स्‍कूल-कॉलेजों के लिए जरूरी दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं, जिनका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य होगा. इसमें सोशल डिस्‍टेंसिंग और मास्‍क के अतिरिक्‍त अन्‍य जरूरी निर्देश भी हैं. 

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Lunch breaks in Delhi schools to be staggered to avoid crowding, should be held in open areas: DDMA guidelines on reopening

— Press Trust of India (@PTI_News) August 30, 2021

DDMA ने कहा है कि स्‍कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी और सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करने के लिए लंच ब्रेक खुले स्‍थान पर होंगे. क्‍लासेज़ में दूरी बनाकर बैठने की व्यवस्था होगी और एक दिन में केवल 50 फीसदी छात्र ही स्‍कूल आ सकेंगे. इसके अलावा, DDMA ने कहा है कि कोरोना कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूल और कॉलेजों में आने की अनुमति नहीं होगी.

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना की स्थिति में सुधार आने के बाद, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि कक्षा 9 से 12 के लिए स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 1 सितंबर से फिर से खुलेंगे. दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया था कि किसी भी छात्र को शारीरिक कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी.

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DDMA ने आज दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा, "स्कूलों और कॉलेजों को कोविड मानदंडों का पालन करते हुए कक्षाओं की सीमा के अनुसार एक समय सारिणी तैयार करनी होगी. प्रत्‍येक कक्षा में अधिकतम 50 प्रतिशत छात्रों को क्षमता के आधार पर बुलाया जा सकता है. बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जानी चाहिए कि एक सीट छोड़कर एक सीट पर छात्र बैठ सकें."

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